मुस्कुराते ही अकाउंट से हो जाएगा पेमेंट, मास्टरकार्ड यूजर्स को मिलेगा खास फीचर
कैश के मुकाबले कार्ड्स और दूसरे विकल्पों के साथ भुगतान करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है कि वे मुस्कुराने भर से पेमेंट कर पाएंगे। मास्टरकार्ड एक नया बायोमेट्रिक प्रोग्राम लेकर आई है, जिसके साथ यूजर्स को भुगतान करने के लिए केवल मुस्कुराना होगा। कंपनी ने इस फीचर की जानकारी एक प्रेस रिलीज में दी है और नया प्रोग्राम ग्लोबली लॉन्च किया है। शुरू में ब्राजील में इस 'स्माइल टू पे' प्रोग्राम की टेस्टिंग की जा रही है।
कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट में दी जानकारी
मास्टरकार्ड ने ब्लॉग पोस्ट में नए प्रोग्राम के बारे में बताया है। कंपनी ने लिखा, 'इन-पर्सन पेमेंट्स करने के लिए अब आपको अपना फोन या वॉलेट खोजने की जरूरत नहीं है और इसके लिए सिर्फ मुस्कराना होगा या हाथ हिलाना होगा।' आपको बता दें, नए प्रोग्राम के साथ मास्टरकार्ड वैसी ही टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने वाली है, जिसकी मदद से अभी स्मार्टफोन्स अनलॉक किए जाते हैं और आसानी से ऑथेंटिकेशन होता है।
ऐसे काम करेगा भुगतान का नया सिस्टम
ब्लॉग में आगे बताया गया है कि यूजर्स को बिल चेक करने के बाद कैमरा देखकर मुस्कुराना होगा। इसके अलावा उन्हें रीडर के ऊपर हाथ वेव करने का विकल्प भी दिया जाएगा। ब्लॉग में लिखा है, 'इस पेमेंट सिस्टम को लॉयल्टी प्रोग्राम्स से इंटीग्रेट किया जा सकता है और ग्राहकों को पहले की गई खरीददारी के आधार पर उनकी पसंद से सुझाव देने के लिए इसकी मदद ली जा सकती है।'
पहली बार रजिस्टर करना होगा अपना चेहरा
नए प्रोग्राम के लिए इनरोलमेंट का विकल्प कार्ड यूजर्स को स्टोर में जाकर या घर में ऐप की मदद से दिया जा रहा है। मास्टरकार्ड इसकी टेस्टिंग साओ पाओलो, ब्राजील के पांच सुपरमार्केट्स में कर रही है। सुपरमार्केट जाने वाले ग्राहक वहां अपना चेहरा रजिस्टर कर सकते हैं और उन्हें पेफेस ऐप की मदद से भी यह विकल्प मिल रहा है। एक बार इनरोल करने के बाद बिना कार्ड या मोबाइल डिवाइस के केवल मुस्कुराकर भुगतान किया जा सकता है।
कई पार्टनर्स के साथ काम कर रही है कंपनी
ब्लॉग में कंपनी ने बताया कि नए फीचर का फायदा ज्यादा से ज्यादा यूजर्स को देने के लिए वह कई पार्टनर्स के साथ मिलकर काम कर रही है। इन पार्टनर्स में NEC, पेफेस, ऑरस, पेबायफेस, पॉपID और फुजित्सू लिमिटेड शामिल हैं। इनके साथ बड़े स्केल पर इस तरह के नए चेकआउट फीचर्स दुनिया के करोड़ों मास्टरकार्ड यूजर्स को दिए जाएंगे। बता दें, मास्टरकार्ड के अलावा दूसरी कंपनियां भी ऐसे पेमेंट फीचर्स पर लंबे वक्त से काम कर रही हैं।
कैसे काम करती है फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी?
फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी किसी चेहरे की पहचान करने या फिर उसके हाव-भाव समझने के लिए कंप्यूटर एल्गोरिदम्स का इस्तेमाल करती है। उदाहरण के लिए, आंखों या ठुड्डी के आकार और नाक और होंठ के बीच की दूरी जैसे पैमाने इसमें मदद करते हैं। यह टेक्नोलॉजी पहले से सेव डाटा का एनालिसिस कर किसी चेहरे से मिलान कर सकती है। फेस डिटेक्शन और एनालिसिस के बाद आखिरी चरण के तौर पर डाटा का मिलान किया जाता है।