लोन ऐप्स से स्कैम, गूगल ने प्ले स्टोर से हटाईं 2,000 से ज्यादा पर्सनल लोन ऐप्स
गूगल की ओर से इस साल जनवरी से जून महीने के बीच 2,000 से ज्यादा पर्सनल लोन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से बैन किया गया है। यह घोषणा बीते दिनों आ रहीं उन रिपोर्ट्स के बाद की गई है, जिनमें कहा गया है कि मालिशियस पर्सनल लोन ऐप्स भारत में यूजर्स को निशाना बना रही हैं। सर्च इंजन कंपनी का दावा है कि कानूनी एजेंसियों के साथ चर्चा के बाद इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
जरूरी हो गया था ऐसी ऐप्स पर प्रतिबंध
गूगल प्ले स्टोर पर सैकड़ों ऐसी ऐप्स लिस्ट हुईं, जो फटाफट लोन देने का वादा करती हैं। हालांकि, ये ऐप्स जरूरी नियमों का पालन नहीं कर रही थीं और मनमाने तरीके से यूजर्स पर दबाव डाल रही थीं। गूगल की ओर से 2,000 से ज्यादा ऐप्स बैन किए जाने के अलावा भारत सरकार भी ऐसी 300 ऐप्स पर बैन लगाने का मन बना रही है। आरोप लगा है कि ऐसी कई ऐप्स मनी-लॉन्ड्रिंग से भी जुड़ी थीं।
प्ले स्टोर पॉलिसी में जरूरी बदलाव करेगी कंपनी
गूगल एशिया-पैसिफिक में ट्रस्ट एंड सेफ्टी के सीनियर डायरेक्टर साईकत मित्रा ने दावा किया कि ब्लॉक की गईं ऐप्स भारतीय यूजर्स को निशाना बना रही थीं। उन्होंने कहा कि कंपनी अपनी प्ले स्टोर पॉलिसी में बदलाव करेगी, जिससे ऐसी ऐप्स को लिस्ट होने से रोका जा सके। मौजूदा बदलावों के साथ गूगल ने भारत में पर्सनल लोन ऐप्स से अतिरिक्त साक्ष्य देने को कहा है, जो साबित करें कि वे नियमों के हिसाब से काम कर रही हैं।
ऐप्स से मांगे गए हैं ये जरूरी डॉक्यूमेंट्स
लिस्टेड पर्सनल लोन ऐप्स से कहा गया है कि वे भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से दिए गए लाइसेंस की कॉपी सबमिट करें। ऐसा ना होने की स्थिति में ऐप्स को डिक्लियरेशन देने के लिए कहा गया है कि वे सीधे तौर पर लोन देने से जुड़ी गतिविधियों से नहीं जुड़ी हैं और रजिस्टर्ड नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) या बैंक्स के साथ यूजर्स को प्लेटफॉर्म देने का काम कर रही हैं।
गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में दी बदलावों की जानकारी
कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट में कहा है, "अगर आप RBI की ओर से पर्सनल लोन देने के लिए लाइसेंस्ड हैं, तो आपको रिव्यू के लिए लाइसेंस की एक कॉपी सबमिट करनी होगी।" वहीं, अगर ऐप्स के पास RBI का लाइसेंस नहीं है तो वे नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) या बैंक्स और यूजर्स के बीच एक प्लेटफॉर्म देने का काम कर सकती हैं। हालांकि, ऐप्स को साफ करना होगा कि वे मनमाने नियमों और शर्तों के साथ लोन नहीं दे रहीं।
स्कैम को ऐसे अंजाम दे रही थीं लोन ऐप्स
फटाफट पर्सनल लोन देने वाली ऐप्स बिना ज्यादा बैकग्राउंड चेक और लंबी प्रक्रिया के लोन दे देती थीं। हालांकि, डाउनलोड किए जाने के बाद वे कॉन्टैक्ट लिस्ट या गैलरी जैसी परमिशंस लेती हैं। एक बार लोन देने के बाद वे रीपेमेंट डेट से पहले ही यूजर्स को मेसेज भेजना शुरू कर देतीं और ऐप परमिशंस के साथ कॉन्टैक्ट्स को भद्दी फोटोज भेजने की धमकी दी जाती। ये ऐप्स ली गई रकम से कहीं ज्यादा की मांग यूजर्स से करती थीं।
न्यूजबाइट्स प्लस
बीते दिनों देश के कई हिस्सों से फटाफट लोन के नाम पर वसूली करने वाले रैकेट में शामिल 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक कॉल सेंटर से चीनी नागरिक इस रैकेट का संचालन कर रहे थे।