Page Loader
अब 31 मार्च तक करें KYC अपडेट, कोरोना को देखते हुए RBI ने लिया फैसला
अब 31 मार्च तक करें KYC अपडेट

अब 31 मार्च तक करें KYC अपडेट, कोरोना को देखते हुए RBI ने लिया फैसला

Jan 01, 2022
11:15 am

क्या है खबर?

देश में कोरोना वायरस के साथ ओमिक्रॉन का भी खतर बढ़ता जा रहा है। इस खतरे को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों में KYC अपडेट करने की समयसीमा को बढ़ा दिया है। RBI ने वित्तीय संस्थानों को यह सलाह भी दी है कि अगर कोई ग्राहक KYC अपडेट नहीं करा पा रहा है तो आप कार्रवाई न करें। आइए जानते हैं कि RBI ने क्या नोटिफिकेशन जारी किया है।

नोटिफिकेशन

RBI का नोटिफिकेशन

RBI के इस फैसले से बैंक ग्राहकों को बहुत राहत मिली है। KYC ने होने पर बैंक अब ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं कर सकते हैं। RBI ने कहा, ''कोविड-19 के नए स्वरूप ओमिक्रोन को लेकर अनिश्चितता को देखते हुए नियमित तौर पर KYC अपडेट करने और अनुपालन नहीं करने पर संबंधित खाते से लेन-देन पर पाबंदियों को लेकर मई में जारी परिपत्र की अवधि 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाई जा रही है।''

जानकारी

इसके पहले मई में भी दिया था समय

मई 2021 में RBI ने बैंक खातों में अपनी जानकारी अपडेट कराने के लिए 31 दिसंबर का समय दिया था। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए RBI ने यह फैसला लिया था। वहीं इस बार फिर कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए KYC अपडेट समयसीयमा को बढ़ाया गया है। इसके पहले भी RBI ने बैंकों को सलाह दी थी कि वह किसी भी ग्राहक के खाते को बंद नहीं करेंगे।

KYC

हर दूसरे साल KYC जरूरी

KYC कराना इसलिए जरूरी रहता है ताकि बैंक को आपकी जानकारी मिलती रहे। KYC कराने के लिए ग्राहकों को पैन कार्ड, पता जैसे आधार कार्ड और पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। आमतौर पर सामान्य बैंक खाते 10 साल में एक बार KYC करा सकते हैं। वहीं अगर कोई खाता बैंक को संदिग्ध लगता है तो उसे हर दो साल में KYC कराना पड़ता है या फिर निष्क्रिय खातों को दोबारा चालू कराने के लिए KYC कराई जाती है।

जानकारी

अगर KYC नहीं कराई तो क्या होगा?

जैसा की ऊपर बताया है कि KYC कराना जरूरी होता है। अगर KYC नहीं कराएंगे तो आपका खाता बंद हो सकता है। इसके अलावा बैंक आपके लेन-देन पर रोक लगा देगा या फिर आप अपने खाते से जमा रकम नहीं निकाल पाएंगे। इसलिए RBI लगातार बैंक ग्राहकों को KYC अपडेट कराने के लिए कहता रहता है। ताकि बैंक ग्राहकों को भविष्य में किसी भी तरह की कोई समस्या न हो।