4,450 करोड़ रुपये से ज्यादा में ग्रोसरी डिलिवरी प्लेटफॉर्म ब्लिंकइट खरीदेगी जोमैटो
लोकप्रिय ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ऑनलाइन ग्रोसरी डिलिवरी कंपनी ब्लिंकइट खरीदने जा रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सामने आया है कि सिकोइया कैपिटल और जैक मा के एंट ग्रुप के समर्थन वाला जोमैटो डिलिवरी मार्केट में विस्तार के लिए तैयार है। यह अपने ग्राहकों को ब्यूटी एंड पर्सनल केयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, ओवर-द-काउंटर फार्मास्युटिकल्स और स्टेशनरी जैसी कैटगरीज में भी प्रोडक्ट्स डिलीवर करेगी। जोमैटो को उम्मीद है कि भारत के बड़े शहरों में क्विक डिलिवरी की मांग बढ़ने वाली है।
पैरेंट कंपनी में शेयर के जरिए होगा भुगतान
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, जोमैटो और ब्लिंकइट के बीच होने जा रही डील 4,447 करोड़ रुपये (करीब 57 करोड़ डॉलर) की है। इस रकम का भुगतान जोमैटो की ओर से पैरेंट कंपनी में शेयर्स के तौर पर किया जाएगा। हालांकि, अभी साफ नहीं है कि यह 'ऑल-स्टॉक' डील होगी या नहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लिंकइट के शेयरहोल्डर्स को जोमैटो में करीब सात प्रतिशत हिस्सेदारी 70.76 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से मिल सकती है।
पहले ग्रोफर्स था कंपनी का नाम
ग्रोसरी और दूसरे सामान की डिलिवरी करने वाली कंपनी ब्लिंकइट की ओनरशिप और मैनेजमेंट ब्लिंक कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है, जिसका नाम पहले ग्रोफर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड था। ग्रोफर्स ने अपनी रीब्रैंडिंग ब्लिंकइट के तौर पर की थी और इसके CEO ने ग्रोसरी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सामानों की डिलिवरी तेज करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अभी फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स मार्केट में मजबूत हैं, जहां ब्लिंकइट विकल्प के तौर पर सामने आएगी।
ब्लिंकइट के पास एक अरब डॉलर से ज्यादा का वैल्युएशन
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लिंकइट भारत में पिछले साल शुरू किए गए उन 40 यूनिकॉर्न्स या स्टार्टअप्स में शामिल रही, जिनके पास एक अरब डॉलर से ज्यादा का वैल्युएशन है। बता दें, जोमैटो ने पिछले साल अगस्त में ब्लिंकइट में निवेश किया था और क्विक-कॉमर्स एंटिटी को 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा का लोन दिया था। जोमैटो के पास डील से पहले भी ब्लिंकइट का नौ प्रतिशत हिस्सा है।
जोमैटो को इस तरह मिलेगा डील का फायदा
जोमैटो के फाउंडर और CEO दीपिंदर गोयल ने पब्लिकेशन से कहा कि फूड डिलिवरी सर्विस जोमैटो को ब्लिंकइट के मौजूदा नेटवर्क का फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा, "ब्लिंकइट के टेक प्लेटफॉर्म, स्केल ऑफ बिजनेस, थर्ड पार्टी ब्रैंड्स एंड सेलर्स और इसके वेयरहाउसेज नेटवर्क के साथ जोमैटो को कॉस्ट-कटिंग में मदद मिलेगी।" सामने आया है कि ब्लिंकइट खरीदने के बाद भी कंपनी की योजना ब्लिंकइट ऐप को जोमैटो ऐप से पूरी तरह अलग रखने की है।
पिछले साल अपना IPO लाई जोमैटो
जोमैटो पिछले साल जुलाई में अपना इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लाई थी। 9,375 करोड़ रुपये के इस IPO में 9,000 करोड़ रुपये के ताजा शेयर थे और 375 करोड़ रुपये के इंफो ऐज (इंडिया) के ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल थे। बता दें, जब कोई कंपनी अपने शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करती है तो उसे IPO कहा जाता है। लिमिटेड कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए IPO लाती हैं।