प्ले स्टोर पर थी पाकिस्तानी आतंकी ग्रुप की ऐप 'अच्छी बातें', गूगल ने लगाया बैन
क्या है खबर?
सर्च इंजन कंपनी गूगल ने पाकिस्तान की आतंकी ग्रुप से जुड़ी एक ऐप को गूगल प्ले स्टोर से बैन कर दिया है।
लंबे वक्त से एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध इस ऐप को गूगल ने पाकिस्तान के आतंकी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने के चलते प्ले स्टोर से हटाया है।
सामने आया है कि यह ऐप गूगल प्ले स्टोर की पॉलिसीज का उल्लंघन कर रही थी।
इस ऐप को यूजर्स को उनके स्मार्टफोन से भी डिलीट कर देना चाहिए।
ऐप
हजारों यूजर्स ने डाउनलोड की थी ऐप
जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी जिस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटाया गया है, उसका नाम 'अच्छी बातें' था।
इस ऐप को एंड्रॉयड यूजर्स ने 5,000 से ज्यादा बार डाउनलोड किया है।
सामने आया है कि इस ऐप की मदद से पाकिस्तान के धार्मिक नेताओं की शिक्षाएं यूजर्स तक पहुंचाई जा रही थीं और एक नजर में यह किसी आतंकी संगठन से जुड़ी ऐप नहीं लगती।
हालांकि, इस ऐप में दो लिंक्स दिए गए थे, जो सीधे जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी थीं।
लिंक्स
जैश-ए-मोहम्मद चीफ की किताबों का लिंक
सामने आया है कि ऐप के होमपेज पर दिए गए लिंक पर टैप करने वाले यूजर्स को जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर की लिखीं कई किताबों की सॉफ्ट कॉपीज दिखाई जाती थीं।
वहीं, दूसरे लिंक पर टैप करने पर खुलने वाले पेज पर जैश-ए-मोहम्मद चीफ और उसके भाई अब्दुल रौफ असगर और संगठन से जुड़े तलहा सैफ की ऑडियो रिकॉर्डिंग्स सुनाई जाती थीं।
इस पेज पर अजहर के कुछ पुराने राइटअप्स भी शेयर किए गए थे।
चेतावनी
दिल्ली की डिजिटल लैब ने दी थी चेतावनी
अच्छी बातें ऐप का टेक्निकल एनालिसिस दिल्ली की एक डिजिटल लैब इन्नेफू लैब्स ने किया था।
डिजिटल लैब्स के को-फाउंडर तरुण विग ने कहा, "यह ऐप यूजर्स से वे परमिशंस मांग रही थी, जो इसकी फंक्शनैलिटी से जुड़ी नहीं हैं। ऐसा तब होता है, जब ऐप्स बिना यूजर की परमिशन लिए बाद में एक्सट्रा फंक्शंस शामिल करना चाहती हैं।"
उन्होंने कहा कि अच्छी बातें ऐप का बिहेवियर भारत में बैन की गई UC ब्राउजर ऐप से मिलता जुलता था।
सलाह
अपने फोन से डिलीट कर दें ऐप
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐप यूजर्स की GPS लोकेशन भी ऐक्सेस करती थी और स्मार्टफोन ऑन होते ही अपने आप बैकग्राउंड में रन करने लगती थी।
इस ऐप से जुड़ा सबसे खतरनाक पहलू इसका बैकग्राउंड चलते रहना था और यूजर्स को इसका पता नहीं चल पाता था।
इसके अलावा ऐप यूजर के नेटवर्क और स्टोरेज डाटा का ऐक्सेस मांगकर मीडिया और फाइल्स रीड कर सकती थी।
यूजर्स को यह ऐप अपने फोन से डिलीट कर देनी चाहिए।
बचाव
इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
ऐसी मालिशियस ऐप्स से बचने के लिए जरूरी है कि आप आधिकारिक ऐप स्टोर से ट्रस्टेड ऐप्स ही इंस्टॉल करें। किसी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यूज और रेटिंग्स देखी जा सकती हैं।
उन ऐप्स पर भरोसा करें, जिन्हें लाखों बार डाउनलोड किया गया हो और पॉजिटिव रिव्यू मिले हों।
अगर आप चेक करना चाहते हैं कि आपका डिवाइस सुरक्षित है या नहीं तो मालवेयरबाइट्स, सोफोस मोबाइल या एंटीवायरस टूल्स की मदद ले सकते हैं।