गूगल मेसेजेस में मिलेगा जीमेल जैसा फीचर, जरूरी मेसेज का रिप्लाई करना नहीं भूलेंगे आप
क्या है खबर?
अगर आप अक्सर मेसेजेस का जवाब देना भूल जाते हैं तो गूगल मेसेजेस ऐप का नया फीचर आपके जरूर काम आएगा।
गूगल मेसेजेस के लिए कंपनी जीमेल में मिलने वाले नड्ज (Nudge) जैसा एक फीचर जल्द ला सकती है।
अगर यूजर्स किसी जरूरी मेसेजेस का रिप्लाई करना भूल गए हैं तो इस फीचर की मदद से उन्हें नोटिफिकेशंस भेजकर रिमाइंडर दिया जाएगा।
जीमेल पर ऐसा ही फीचर यूजर्स को ईमेल का जवाब देने से जुड़े रिमाइंडर्स देता है।
रिपोर्ट
ऐप के बीटा वर्जन में चल रही टेस्टिंग
XDA डिवेलपर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि गूगल मेसेजेस बीटा ऐप कोड के कई स्ट्रिंग्स में संकेत मिले हैं कि मेसेजिंग ऐप में ऑटोमेटेड रिमाइंडर्स फीचर मिल सकता है।
यह एक ऑप्ट-इन फीचर होगा और यूजर्स को इसे खुद इनेबल करना होगा।
ऐसा करने के बाद यूजर्स को किसी कन्वर्सेशन में रिप्लाई ना करने पर नोटिफिकेशन दिखाया जाएगा।
यूजर की ओर से कोई मेसेज पढ़ने या ना पढ़ने का असर इस नोटिफिकेशन पर नहीं पड़ेगा।
स्क्रीनशॉट
सामने आया नए फीचर का स्क्रीनशॉट
पब्लिकेशन ने अपकमिंग नड्ज फीचर का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जो गूगल मेसेजेस बीटा अपडेट में दिखा है।
किसी कन्वर्सेशन में रिप्लाई ना करने पर यूजर्स को 'क्या आप इस मेसेज का जवाब देना भूल गए हैं?' या 'आपको इस मेसेज का जवाब देना चाहिए।' जैसे टेक्स्ट नोटिफिकेशंस दिखाए जाएंगे।
गूगल ने इस फीचर के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है और इसके रोलआउट पर कुछ नहीं कहा है।
OTP
अपने आप डिलीट होते हैं OTP वाले मेसेज
साल की शुरुआत में गूगल ने इसकी मेसेजिंग ऐप के लिए ऑटो-डिलीशन ऑफ OTPs फीचर भी रोलआउट किया था।
इस फीचर के साथ यूजर्स को आने वाले OTP से जुड़े मेसेजे अपने आप 24 घंटे बाद डिलीट हो जाते हैं।
मेसेज में आने वाला वन टाइम पासवर्ड (OTP) सामान्य रूप से दो से तीन मिनट बाद एक्सपायर हो जाता है, ऐसे में ये मेसेजेस इनबॉक्स में पड़े रहने की जरूरत नहीं होती।
कैटेगरीज
अलग-अलग कैटेगरीज में दिखते हैं मेसेजेस
सर्च इंजन कंपनी ने बीते दिनों SMS कैटेगरीज फीचर दिया है, जो मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है।
इसके साथ अपने आप मेसेजेस कई कैटेगरीज में दिखने लगते हैं। इन कैटेगरीज में पर्सनल, ट्रांजैक्शंस, OTPs और दूसरे विकल्प शामिल किए गए हैं।
गूगल का कहना है कि इन कैटेगरीज के साथ मेसेजेस खोजना और पढ़ना पहले के मुकाबले आसान हो जाता है और यूजर्स सेटिंग्स से इस फीचर में बदलाव कर सकते हैं।
सुरक्षा
ऐप में मिलता है एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन
गूगल अपनी मेसेजेस सर्विस के लिए पिछले साल नवंबर में एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन लेकर आई थी।
यानी कि दो यूजर्स के बीच आपस में शेयर की गई जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है और उसे थर्ड पार्टी ऐक्सेस नहीं कर सकती।
एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन (E2EE) के काम करने के लिए दोनों यूजर्स (सेंडर और रिसीवर) के डिवाइस में मेसेजेस ऐप का लेटेस्ट वर्जन इंस्टॉल होना चाहिए।
इसके अलावा चैट ओवर डाटा ऑर वाई-फाई फीचर भी इनेबल होना चाहिए।