मेटावर्स को इंटरनेट का भविष्य बता रही है फेसबुक, जानें कैसी होगी यह डिजिटल दुनिया

सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक एक ऑनलाइन दुनिया तैयार करने में लगी है, जो इंटरनेट यूजर्स को वर्चुअल स्पेसेज में लेकर जाएगी। मेटावर्स नाम की इस दुनिया में यूजर्स अपने वर्चुअल स्पेसेज शेयर कर पाएंगे और एकदूसरे से जुड़ सकेंगे। फेसबुक ने रविवार को घोषणा की है कि कंपनी अगले पांच साल में यूरोपियन यूनियन में करीब 10,000 कर्मचारियों को हायर करेगी और यह वर्चुअल दुनिया तैयार करेगी। आइए जानते हैं कि यह मेटावर्स क्या है और कैसे काम करेगा।
फेसबुक का मेटावर्स ऑगमेंटेड और वर्चुअल रिएलिटी की मदद से मिलकर तैयार होगा। सितंबर महीने में कंपनी ने बताया था कि यह मेटावर्स के लिए 50 मिलियन डॉलर का निवेश करने वाली है। रोब्लॉक्स कॉर्पोरेशन और फोर्टनाइट जैसी कंपनियां पहले ही इस दिशा में कदम बढ़ा चुकी हैं। फेसबुक की योजना लाइव गेमिंग स्पेस में भी बेहतर सेवाएं देने की है और कंपनी लगातार इसपर भी काम कर रही है।
मेटावर्स टर्म सबसे पहले नील स्टीफेंशन की ओर से 1992 में उनके नॉवेल 'स्नो क्रैश' में दिया गया था। नील ने एक वर्चुअल दुनिया का जिक्र किया था, जहां लोग अवतारों के तौर पर एकदूसरे से मिल सकते थे। इसे इंटरनेट की दुनिया का अगला बड़ा कदम माना जा रहा है और नए वर्चुअल ढांचे पर आधारित रियल-टाइम 3D दुनिया तैयार की जाएगी। यानी कि फेसबुक यूजर्स अपने दोस्तों के साथ साइबर वर्ल्ड में लंच या डिनर कर सकेंगे।
फेसबुक पहली ऐसी कंपनी नहीं है, जो अपने यूजर्स के लिए ऐसी वर्चुअल दुनिया बनाना चाहती है, जहां वे आपस में इंटरैक्ट कर सकेंगे। फोर्टनाइट और रेडीप्लेयर वन ऐसे ही प्रोडक्ट्स हैं, जिनमें गेम खेलने वाले प्लेयर वर्चुअल दुनिया का हिस्सा बनते हैं। कई गेम्स में प्लेयर्स को खुद अपनी वर्चुअल दुनिया डिजाइन करने का विकल्प भी मिलता है। फेसबुक की कोशिश VR हेडसेट्स की मदद से यहां चुनी हुई बैकग्राउंड सेटिंग्स में अवतार की मीटिंग्स करवाने की भी है।
मेटावर्स को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, जिनमें से पहला NFTs और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा होता है और दूसरा वर्चुअल वर्ल्ड होता है। ब्लॉकचेन-बेस्ड मेटावर्स NFTs और क्रिप्टोकरेंसीज की मदद से काम करता है और डिसेंट्रललैंड और द सैंडबॉक्स इसके उदाहरण हैं। इस तरह लोग अपनी पसंद के वर्चुअल पार्सल्स खरीद और तैयार कर सकते हैं। वहीं, दूसरा वर्चुअल वर्ल्ड आपस में मिलने का विकल्प देता है और फेसबुक इसपर काम कर रही है।
फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का मकसद इंटरनेट यूजर्स को एकदूसरे से जोड़ना है। अभी यूजर्स अपने विचार, फोटो और वीडियो ही शेयर कर सकते हैं, वहीं मेटावर्स के साथ वे एकदूसरे से वर्चुअली मिल भी सकेंगे। उदाहरण के लिए, किसी एक मुद्दे पर बात या चर्चा करने के लिए मेटावर्स में यूजर्स के अवतार एकसाथ बैठ सकेंगे और अपनी पसंद का स्पेस ऐसा करने के लिए चुन पाएंगे। मेटावर्स पूरी तरह का नया अनुभव सोशल नेटवर्किंग के लिए देगा।