कोविन प्रोफाइल पर देख सकते हैं वैक्सिनेटेड बैज, ओपेन-सोर्स सॉफ्टवेयर बनाया गया प्लेटफॉर्म
भारत में कोविड-19 वैक्सिनेशन के लिए कोविन (Co-Win) प्लेटफॉर्म की मदद ली गई और अब इसमें कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। इस पोर्टल पर यूजर्स अपने प्रोफाइल पर पार्शियली या फिर फुली वैक्सिनेटेड बैजेस देख सकते हैं। इसके अलावा भारत सरकार इस प्लेटफॉर्म को ग्लोबल कोविड-19 ट्रैकिंग पोर्टल और एक ओपेन-सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर लाई है। जुलाई में हुए कोविन ग्लोबल कॉनक्लेव में 142 देशों ने इसके इस्तेमाल में रुचि जताई थी।
ट्वीट में दी गई बदलाव की जानकारी
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी CEO डॉ. आरएस शर्मा ने एक ट्वीट में बताया कि कोविन प्लेटफॉर्म अब शील्ड के तौर पर वैक्सिनेटेड बैज भी दिखाएगा। इस बैज के साथ यूजर्स का कोविड-19 वैक्सिनेशन स्टेटस आसानी से कन्फर्म किया जा सकेगा। वैक्सिनेशन बैज से जुड़े नए फीचर को देशभर में वैक्सिनेशन करवाने वाले सभी यूजर्स के लिए रोलआउट किया जा रहा है। यह शील्ड www.cowin.gov.in प्लेटफॉर्म में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की मदद से लॉगिन करने पर दिखेगी।
शेयर कर सकते हैं अपना वैक्सिनेशन स्टेटस
अपना वैक्सिनेशन स्टेटस शेयर करना हो तो सबसे पहले कोविन वेबसाइट पर जाकर लॉगिन करना होगा। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और OTP एंटर करने के बाद आपको वैक्सिनेटेड बैज नाम के सामने दिखेगा। टॉप राइट कॉर्नर में दिखने वाले 'शेयर योर स्टेटस' विकल्प कर क्लिक करें। अब आपको वैक्सिनेशन स्टेटस शेयर करने से जुड़े दो कार्ड्स दिखेंगे, जिनमें से किसी एक को चुना जा सकेगा। आप वैक्सिनेशन स्टेटस का लिंक कॉपी कर इसे भी दूसरों के साथ शेयर कर सकते हैं।
ओपेन-सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर उपलब्ध है कोविन
जुलाई में हुए कोविन ग्लोबल कॉनक्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि कोविन को एक ओपेन-सोर्स प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। इस तरह दुनिया के कई देश इसका इस्तेमाल अपनी वैक्सिनेशन ड्राइव के लिए कर सकेंगे। अब PMO इंडिया अकाउंट से किए गए ट्वीट में कन्फर्म किया गया है इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल दुनियाभर में फ्री में ओपेन-सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर किया जा सकता है। यानी कि दूसरे देश इसके इस्तेमाल के लिए इसमें जरूरी बदलाव कर सकेंगे।
ऐसे काम करता है कोविन प्लेटफॉर्म
भारत में एक अरब से ज्यादा कोविड-19 वैक्सीन डोजेस लगाई जा चुकी हैं और कोविन इस डाटा को रियल-टाइम में मॉनीटर करता है। इलेक्ट्रॉनिक वैक्सिनेशन इंटेलिजेंस नेटवर्क के तौर पर कोविन ने पूरी वैक्सिनेशन ड्राइव का डाटा जुटाया है। इसमें वैक्सिनेशन ड्राइव की तैयारी से लेकर उसे लागू करने तक के लिए क्लाउड-आधारित IT सॉल्यूशंस दिए गए हैं। यह प्लेटफॉर्म ना सिर्फ वैक्सिनेशंस ट्रैक करता है, बल्कि खराब होने वाली वैक्सीन्स की संख्या भी इसमें दर्ज होती है।
कोविन प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल में इन देशों का दिलचस्पी
कोविन ग्लोबल कॉनक्लेव में जिन देशों ने कोविन प्लेटफॉर्म में दिलचस्पी दिखाई थी, उनमें कनाडा, मैक्सिको, नाइजीरिया, पनामा और युगांडा आदि देश शामिल हैं। भारत सरकार इस प्लेटफॉर्म की मदद से पूरी अभियान को सही तरीके से संभालने में कामयाब हुई है और यह प्लेटफॉर्म लाखों लोगों को एक साथ संभालने में कामयाब रहा है। कॉनक्लेव में भारत ने अपना वैक्सिनेशन ड्राइव अनुभव दूसरे देशों से आए प्रतिनिधियों के साथ शेयर किया था और उन्हें कोविन के फायदे बताए थे।