उत्तर प्रदेश को मिलेंगे 9 नए मेडिकल कॉलेज, MBBS की 900 सीटें बढ़ेंगी
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर से सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नौ नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया गया। इस उपलब्धि से राज्य का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा और इसके साथ-साथ पूर्वांचल के जिलों में डॉक्टरों की कमी भी पूरी हो सकेगी। इन मेडिकल कॉलेजों के खुलने के बाद अब राज्य में 3,000 से अधिक बेड और MBBS की 900 सीटों की बढ़ोतरी मिलेगी। इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण 2,329 करोड़ रुपये की कुल लागत से किया गया है।
किन जिलों में खुलेंगे ये मेडिकल कॉलेज?
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जिन नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया गया है उनमें सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर जिलों में स्थित हैं। केंद्र प्रायोजित योजना के तहत "जिला/रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना" के लिए आठ मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं। जौनपुर में एक मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों के माध्यम से स्थापित किया गया है तथा इसका संचालन भी शुरू हो गया है।
मेडिकल कॉलेजों का क्या नाम होगा?
बिजनौर मेडिकल कॉलेज का नाम 'महात्मा विदुर' और फतेहपुर मेडिकल कॉलेज का नाम 'अमर शहीद जोधा सिंह' होगा। चंदौली मेडिकल कॉलेज का नाम 'बाबा कीनाराम चिकित्सा महाविद्यालय' होगा। सिद्दार्थनगर मेडिकल कॉलेज 'माधव प्रसाद त्रिपाठी' और देवरिया मेडिकल कॉलेज 'संत महर्षित देवरहा बाबा' के नाम नाम से जाना जाएगा। गाजीपुर मेडिकल कॉलेज को 'संत विश्वामित्र' और मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज का नाम 'मां विंध्यवासिनी देवी' के नाम पर रखा गया है। एटा मेडिकल कॉलेज 'वीरांगना अवंतीबाई' के नाम से जाना जाएगा।
उत्तर प्रदेश में चार सालों में खुले सात मेडिकल कॉलेज
उत्तर प्रदेश में 2017 और 2021 के बीच सात राज्यस्तरीय मेडिकल कॉलेज पहले ही खोले जा चुके हैं। प्रदेश सरकार के मुताबिक, 2022-23 तक 14 नए मेडिकल कॉलेज और खोले जाने हैं। ये मेडिकल कॉलेज अमेठी, औरैया, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, गोंडा, कानपुर देहात, कौशांबी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, पीलीभीत, सोनभद्र और सुल्तानपुर जिले में खोले जाएंगे। अभी उत्तर प्रदेश में 30 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं। इसके अलावा चार केंद्रीय चिकित्सा संस्थान भी हैं जिनमें से दो AIIMS हैं।
देश में सात सालों में खुले 157 मेडिकल कॉलेज- प्रधानंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि वर्ष 2014 से अब तक देश में 157 नए मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं। इनमें 17,000 करोड़ रुपये निवेश किया गया है। इससे 16,000 सीटें अंडर ग्रेजुएट यानी MBBS में बढ़ जाएंगे। इनमें से 64 नए मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं, जिनके तहत 6,500 MBBS सीटों पर पहले ही एडमिशन शुरू हो गए हैं।
5,000 से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स को मिलेंगे रोजगार के नए अवसर- प्रधानमंत्री मोदी
सिद्धार्थनगर में नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब 5,000 से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे और इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में मेडिकल की सीटें 90,000 से भी कम थीं। बीते सात वर्षों में देश में मेडिकल की 60,000 नई सीटें जोड़ी गई हैं।
मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए जिलों का कैसे होता है चयन?
केंद्र प्रायोजित योजना के तहत पिछड़े और आकांक्षी जिलों के साथ-साथ उन जिलों को वरीयता दी जाती है, जहां सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं। इस योजना का उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों के वितरण में मौजूदा भौगोलिक असंतुलन में सुधार करना और जिला अस्पतालों की मौजूदा अवसंरचना का प्रभावी ढंग से उपयोग करना है। योजना के तीन चरणों के अंतर्गत, देश भर में 157 नए मेडिकल कॉलेज मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 63 का पहले से ही संचालन किया जा रहा है।