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गगनयान को लेकर जल्दबाजी में नहीं है ISRO, 2024-2025 तक लॉन्च करेगा मिशन
गगनयान मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए ISRO इसकी लॉन्चिंग को लेकर जल्दबाजी में नहीं है

गगनयान को लेकर जल्दबाजी में नहीं है ISRO, 2024-2025 तक लॉन्च करेगा मिशन

लेखन रजनीश
Jun 09, 2023
03:32 pm

क्या है खबर?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन को लेकर जल्दबाजी नहीं करने का फैसला लिया है। स्पेसक्राफ्ट मिशन ऑपरेशन (SMOPS-2023) पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी इस मिशन को सुरक्षित और पूरी तरह से सफल बनाना चाहती है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो गगनयान 2024 से 2025 के बीच उड़ान भरेगा। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

गगनयान

अंतरिक्ष के लिए भारत का पहला क्रू मिशन होगा गगनयान

गगनयान ISRO की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। यह अंतरिक्ष के लिए भारत का पहला क्रू मिशन होगा, जो भारत को इस तरह की उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बना देगा। अंतरिक्ष यात्रियों वाले इस अंतरिक्ष यान की उड़ान पहले 2022 में निर्धारित की गई थी, लेकिन कुछ खामियों के चलते और कोरोना महमारी के कारण इसमें देरी हुई। गगनयान के तहत ISRO ने 2 मानव रहित और एक मानव मिशन की योजना बनाई है।

अंतरिक्ष

मिशन के पहले प्रयास में सफलता सुनिश्चित करना चाहता है ISRO

ISRO के अनुसार, यह परियोजना लंब समय के लिए एक टिकाऊ 'इंडियन ह्यूमन स्पेस एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम' की नींव रखेगी। गगनयान 3 अंतरिक्ष यात्रियों को 3 दिन के लिए लो-अर्थ ऑर्बिट में ले जाएगा और उन्हें वापस लाएगा। ISRO यह सुनिश्चित करना चाहता है कि गगनयान अपने पहले प्रयास में सफल हो और इसके लिए अंतरिक्ष एजेंसी ने हाल के दिनों में परीक्षण भी बढ़ाया है। इनमें अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले परीक्षण भी हैं।

परीक्षण

LMV 3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा गगनयान

गगनयान क्रू मॉड्यूल का जुलाई में होने वाला पहला परीक्षण अब अगस्त में होगा। ISRO प्रमुख ने जानकारी दी कि गगनयान मिशन से संबंधित परीक्षण हर हफ्ते किए जा रहे थे और ISRO ने सभी इंजन परीक्षण कार्यक्रम भी पूरे कर लिए हैं। यदि ISRO सभी 8 महत्वपूर्ण परीक्षण में सफल रहा तो गगनयान की लॉन्चिंग 2024 से 2025 के बीच होगी। सोमनाथ के अनुसार, लॉन्च व्हीकल मार्क 3 (LMV3) रॉकेट के जरिए गगनयान को लॉन्च किया जाएगा।

पैराशूट

हुए हैं ये परीक्षण

ISRO ने गगनयान मिशन की सुरक्षा के लिए मार्च में रेलवे ट्रैक पर पैराशूट का परीक्षण किया था। इससे पहले नवंबर में उत्तर प्रदेश की बबीना फील्ड फायर रेंज में पैराशूट रिकवरी सिस्टम का परीक्षण किया गया था। ये पैराशूट गगनयान के क्रू मॉड्यूल की सुरक्षित लैंडिंग कराने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इस टेस्ट का नाम इंटीग्रेटेड मेन पैराशूट एयरड्रॉप टेस्ट (IMAT) था। गगनयान क्रू मॉड्यूल के लिए पैराशूट प्रणाली में कुल 10 पैराशूट होते हैं।

मिशन

क्या है गगनयान मिशन?

गगनयान को भारत के स्वदेशी अंतरिक्ष मिशन के अगले चरण के रूप में देखा जा रहा है। लो अर्थ ऑर्बिट के लिए मानव उड़ानें शुरू करने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करने के अलावा इस मिशन के कई अन्य लाभ भी हैं। यह भारत के भविष्य के अंतरिक्ष प्रयासों में भी मदद करेगा, जिसमें अंतरिक्ष से चीजों के नमूने धरती पर लेकर आना और अंतरिक्ष में अन्य ग्रहों की खोज करना शामिल है।