अहमदाबाद स्थित निजी कंपनी स्पेस-X के फाल्कन रॉकेट से पहली बार लॉन्च करेगी सैटेलाइट
क्या है खबर?
अहमदाबाद स्थित अजीस्ता BST एयरोस्पेस इस महीने स्पेस-X के फाल्कन 9 रॉकेट पर ABA फर्स्ट रनर (AFR) नाम का अपना पहला सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए तैयार है।
यह लॉन्च ऐसे समय में हो रहा है, जब भारतीय अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी का ईकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है।
अजिस्ता BST एयरोस्पेस (ABA) की बात करें तो यह अजिस्ता इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और बर्लिन स्पेस टेक्नोलॉजी GmbH के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है।
अहमदाबाद
सैटेलाइट को लेकर कंपनी ने किया ये दावा
गुजरात के अहमदाबाद में ABA के पास 50,000 स्क्वायरफुट की फैक्ट्री है और यहीं पर यह छोटे सैटेलाइट का निर्माण करती है।
AFR 80 किलोग्राम का सैटेलाइट है और इसमें पैनक्रोमेटिक और मल्टीस्पेक्ट्रल इमेजिंग क्षमताओं के साथ एक ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग पेलोड है।
AFR भारत में निजी अंतरिक्ष उद्योग द्वारा निर्मित अपने आकार और प्रदर्शन का पहला सैटेलाइट होने का दावा करता है, जो नागरिक और रक्षा उद्देश्यों के लिए विभिन्न प्रकार के इस्तेमाल किए जाने में सक्षम है।
समूह
2024 में 10 सैटेलाइट के प्रोडक्शन के लिए पहले से तैयार
ABA के प्रबंध निदेशक श्रीनिवास रेड्डी माले ने कहा कि AFR का लॉन्च रोमांचक शुरुआत है और यह सैटेलाइट समूहों के साथ विभिन्न प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में स्थित उनका कारखाना 2024 में इनमें से 10 सैटेलाइट के प्रोडक्शन के लिए पहले से ही तैयार है।
आपको बता दें कि कई सैटेलाइटों का समूह एक सिस्टम की तरह काम करता है, जबकि अकेला सैटेलाइट इस काम में सक्षम नहीं होता।
जानकारी
सैटेलाइट के समूह से ही मिलती है GPS सर्विस
उदाहरण के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) अंतरिक्ष आधारित नेविगेशन सिस्टम है। यह सिस्टम 24 सैटेलाइट का समूह है, जो एक साथ मिलकर सैन्य और अन्य क्षेत्रों के लिए लोकेशन और समय की जानकारी उपलब्ध कराते हैं।
शोधकर्ता
मिलेगा नया सैटेलाइट डाटा
ABA के निदेशक सुनील इंदुर्ती ने कहा, "अजीस्ता BST एयरोस्पेस विभिन्न भू-अनुप्रयोगों के लिए नए सैटेलाइट डाटा में रुचि रखने वाले शोधकर्ता और संगठन हमसे संपर्क कर सकते हैं।"
एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अजिस्ता BST एयरोस्पेस अपने मॉड्यूलर बसों और पेलोड के साथ अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए उपग्रहों के अलगे सेट को साकार करने की प्रक्रिया में पहले से ही है। इनमें से कई सैटेलाइट अगले 12-14 महीनों के भीतर लॉन्च किए जाएंगे।
अंतरिक्ष
अंतरिक्ष नीति से बढ़ेंगी अंतरिक्ष के लिए काम करने वाली प्राइवेट कंपनियां
केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल को अंतरिक्ष नीति जारी की थी। इसमें सरकार ने ISRO का बोझ कम करने और अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को शामिल करने के लिए गैर सरकारी संस्थाओं (NGEs) और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NISL) जैसे कई सरकारी निकायों की भूमिका निर्धारित की है।
अब प्राइवेट कंपनियां भी ISRO के संसाधनों का इस्तेमाल कर सकेंगी। अमेरिका में स्पेस-X, ब्लू ऑरिजिन जैसी प्राइवेट स्पेस कंपनियां भी नासा के साथ मिलकर काम करती हैं।
फॉल्कन
स्पेस-X और फॉल्कन क्या है?
स्पेस-X, अमेरिकी अरबपति और टेस्ला, ट्विटर जैसी कंपनियों के मालिक एलन मस्क की कंपनी है, जो अंतरिक्ष अभियानों को अंजाम देती है।
फाल्कन 9 रॉकेट को स्पेस-X ने ही पेलोड को विश्वसनीय और सुरक्षित तरीके से ऑर्बिट में पहुंचाने के लिए बनाया है। ये रीयूजेबल रॉकेट है, जिसकी मदद से अलग-अलग मौकों पर सैटेलाइट लॉन्च किये जा रहे हैं। इससे अंतरिक्ष में पहुंच की लागत कम होती है।
स्पेस-X का एक और रॉकेट फाल्कन हैवी है।