नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में ISRO अंतरिक्ष यात्रियों के लिए शुरू होगा खास प्रशिक्षण
क्या है खबर?
अंतरिक्ष के क्षेत्र में और सफलता हासिल करने के लिए भारत और अमेरिका लगातार एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं।
हाल ही में दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत अमेरिका नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक उन्नत प्रशिक्षण शुरू करेगा।
दोनों देश लूनर गेटवे कार्यक्रम में भारत की भागीदारी के लिए अवसरों की भी तलाश कर रहे हैं।
कार्यक्रम
क्या है लूनर गेटवे कार्यक्रम?
लूनर गेटवे कार्यक्रम के तहत, अमेरिका अंतरिक्ष के क्षेत्र में कुछ सहयोगी देशों के साथ मिलकर एक नया अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना चाहता है।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच बीते दिन एक मुलाकात हुई, जिसमें ISRO अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण और लूनर गेटवे कार्यक्रम के साथ-साथ सिंथेटिक एपर्चर रडार के लॉन्च को लेकर भी चर्चा की गई है।
बता दें, भारत भी 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने वाला है।
चर्चा
सिंथेटिक एपर्चर रडार को लेकर हुई चर्चा
भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियां इन दिनों सिंथेटिक एपर्चर रडार के लॉन्च की तैयारी कर रही है। यह नासा और ISRO द्वारा मिलकर विकसित किया गया एक सैटेलाइट है, जिसे जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के प्रयासों के तहत बनाया गया है।
यह खास सैटेलाइट 12 दिनों में 2 बार पृथ्वी की सतह का नक्शा तैयार करने में सक्षम होगा। फिलहाल इसके लॉन्च तिथि को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है।