क्या भारत कर सकता है सुनीता विलियम्स की वापसी में मदद? ISRO प्रमुख ने दिया जवाब
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी बुच विल्मोर के साथ 2 महीने से भी अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसी हुई हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ से एक पॉडकास्ट में हाल ही में पूछा गया कि क्या भारत इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाने में मदद कर सकता है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि इस समय केवल रूस और अमेरिका ही मदद कर सकते हैं।
एस सोमनाथ ने क्या कहा?
बीयरबाइसेप्स पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान सोमनाथ ने कहा, "दुर्भाग्य से, इस समय हम भारत से सीधे कुछ नहीं कर सकते हैं। हमारे पास उन्हें बचाने के लिए कोई यान भेजने की क्षमता नहीं है। एकमात्र संभावित समाधान अमेरिका या रूस से ही आ सकता है। अमेरिका के पास ड्रैगन और रूस के पास सोयुज यान है, दोनों का इस्तेमाल बचाव अभियान के लिए किया जा सकता है।" उन्होंने यह भी कहा है कि स्थिति अभी बहुत गंभीर नहीं है।
कब तक वापस आ सकते हैं दोनों यात्री?
दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने के लिए नासा, स्पेस-X के साथ बैकअप योजना पर काम कर रही। हालांकि, अंतरिक्ष एजेंसी अभी तक कोई सटीक तिथि तय नहीं कर पाई है कि दोनों अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर कब तक सुरक्षित वापस आ पाएंगे। स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की तकनीकी समस्या का अगर समाधान नहीं होता है, तो नासा के दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को फरवरी, 2025 में क्रू ड्रैगन कैप्सूल से पृथ्वी पर वापस लाया जा सकता है।