14 फरवरी को इस साल का पहला सैटेलाइट लॉन्च करेगा ISRO, तैयारियां पूरी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 14 फरवरी को इस साल का अपना पहला सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C52 रॉकेट के जरिये लॉन्च किया जाएगा और इसके लिए लगभग सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। लॉन्चिंग से 25 घंटे और 30 मिनट पहले इसका काउंटडाउन शुरू हो जाएगा और 14 फरवरी को सुबह 4:29 मिनट पर EOS-4 / RISAT-1A सैटेलाइट को लॉन्च करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
महामारी के कारण लॉन्चिंग में हुई देरी
ISRO की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, 1,710 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट 14 फरवरी को सुबह 5:59 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। इसे पिछले साल जुलाई में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉन्चिंग में देरी होती गई। EOS-04 एक राडार इमेजिंग सैटेलाइट है, जिसे हर प्रकार के मौसम में बेहतर गुणवत्ता वाली तस्वीरें भेजने के लिए डिजाइन किया गया है। देश की सुरक्षा से लेकर खेती तक में इन तस्वीरों का इस्तेमाल होगा।
कुल तीन सैटेलाइट होंगे लॉन्च
यह सैटेलाइट दिन, रात और हर तरह के मौसम में बेहतर तस्वीरें धरती पर भेज सकेगा और यह पांच साल तक काम करता रहेगा। बाकी खूबियों के साथ इसमें बेहतर डाटा हैंडलिंग सिस्टम और ज्यादा स्टोरेज वाले डिवाइस लगाए गए हैं। इस मिशन पर EOS-04 के साथ दो छोटे सैटेलाइट भी भेजे जाएंगे, जिनमें से एक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IIST) के छात्रों ने एक विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर तैयार किया है।
मार्च और अप्रैल में प्रस्तावित हैं ये लॉन्चिंग
इस मिशन के बाद मार्च में OCEANSAT-3 और INS-2B, ANAND लॉन्च किए जाएंगे। अप्रैल में स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के जरिये एक माइक्रो सैटेलाइट लॉन्च किया जाएगा। इस साल की पहली तिमाही में कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-24 की लॉन्चिंग भी प्रस्तावित है।
यूनिटीसैट मिशन पर भी जारी है काम
पिछले कुछ समय से स्पेसएक्स, अमेजन और वनवेब जैसी निजी कंपनियां कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेज रही हैं। भारत भी इस रेस में बहुत पीछे नहीं है और इसी साल लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में 75 सैटेलाइट लॉन्च करेगा। इन सभी सैटेलाइट्स को देशभर के अलग-अलग संस्थानों के छात्रों ने तैयार किया है और इस मिशन को यूनिटिसैट (UNITYsat) नाम दिया गया है। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
ISRO को मिले हैं नए प्रमुख
पिछले महीने ही ISRO को के सिवन की जगह नए प्रमुख मिले हैं। रॉकेट वैज्ञानिक एस सोमनाथ को तीन साल के लिए ISRO का प्रमुख बनाया गया है। इससे पहले वो विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के निदेशक पद पर थे। उनके करियर की बात करें तो उनकी देखरेख में PSLV लिक्विड स्टेज के 11 मिशन सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं। उन्होंने उस टीम का भी नेतृत्व किया था, जिसने चंद्रयान-2 मिशन में भेजे विक्रम लैंडर का थ्रोटेबल इंजन बनाया था।