शुक्रयान मिशन की ये जानकारियां अब तक आ चुकी हैं सामने
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रमा और मंगल ग्रह के बाद शुक्र पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है। केंद्र सरकार से वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) या शुक्रयान मिशन के लिए बजट प्रस्तावित होने के बाद ISRO ने हाल ही में मिशन कि लॉन्च तिथि की घोषणा की है। शुक्रयान मिशन को 29 मार्च, 2028 को लॉन्च किए जाने की योजना है। अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से शुक्र ग्रह के वायुमंडल तक पहुंचने में कुल 112 दिन का समय लगेगा।
अपने साथ 19 पेलोड ले जाएगा अंतरिक्ष यान
शुक्रयान को ISRO के शक्तिशाली लॉन्च व्हीकल मार्क-3 रॉकेट (LVM-3) का उपयोग करके अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो 112 दिनों की यात्रा पूरी करने के बाद यह अंतरिक्ष यान 19 जुलाई, 2028 को अपने लक्ष्य पर पहुंच जाएगा। ISRO ने बताया है कि अंतरिक्ष यान अपने साथ कुल 19 पेलोड ले जाएगा, जिसमें से 16 पेलोड भारत में ही बनाए गए हैं, जबकि 3 अन्य का निर्माण विदेशी सहयोग से किया गया है।
ये उपकरण करेंगे अध्ययन
अंतरिक्ष यान में शुक्र के आयनमंडल का अध्ययन करने के लिए सिंथेटिक अपर्चर रडार, इन्फ्रारेड और पराबैंगनी कैमरे और सेंसर सहित अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। ये उपकरण वैज्ञानिकों को शुक्र के घने, कार्बन डाइऑक्साइड से भरे वायुमंडल के रहस्यों को समझने में मदद करेंगे। इसके साथ ही, ये उपकरण ग्रह की सतह पर सक्रिय ज्वालामुखियों की उपस्थिति की संभावना का पता लगाने में सहायक होंगे, जिससे शुक्र की संरचना और वातावरण का गहन अध्ययन संभव होगा।
क्या है इस मिशन का उद्देश्य?
VOM मिशन का उद्देश्य शुक्र के वायुमंडल, सतह और भूवैज्ञानिक विशेषताओं का अध्ययन करना है, जिसमें वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। इसके प्रमुख उद्देश्यों में शुक्र की वायुमंडलीय संरचना, सतह की विशेषताओं और ग्रह पर संभावित ज्वालामुखी या भूकंपीय गतिविधियों की जांच शामिल है। यह मिशन शुक्र ग्रह के रहस्यों को उजागर करने और ग्रह की सतह व आंतरिक संरचना के बारे में गहन जानकारी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।