अलग-अलग महीने में दिन छोटे और बड़े क्यों होते हैं? जानिए इसके पीछे की वजह
अक्टूबर से सूरज जल्दी ढलने लगता है, और ठंड बढ़ने के साथ दिन की लंबाई कम होती है, जबकि रातें लंबी होने लगती हैं। यह प्रक्रिया अंतरिक्ष की एक घटना के कारण होती है, जो साल भर बदलती रहती है। पृथ्वी की धुरी का झुकाव और उसकी सूर्य के चारों ओर कक्षा दिन और रात की लंबाई में बदलाव लाते हैं। आइए जानते हैं कि किस तरह से दिन और रात की लंबाई में बदलाव होता है।
पृथ्वी की धुरी का झुकाव है प्रमुख वजह
पृथ्वी की धुरी 23.5 डिग्री पर झुकी होने के कारण अलग-अलग मौसम में सूर्य प्रकाश का वितरण बदलता है। जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है, तो उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में दिन और रात की लंबाई बदलती रहती है। गर्मियों में उत्तरी गोलार्ध में सूर्य ऊंचाई पर होता है, जिससे दिन लंबे होते हैं, जबकि सर्दियों में सूर्य की स्थिति निम्न होती है, जिससे दिन छोटे होते हैं। यह प्रक्रिया हर साल अलग-अलग महीनों में बदलाव लाती है।
कक्षा की गति भी है वजह
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अंडाकार कक्षा में घूमती है, जिससे सूर्य के प्रकाश का वितरण बदलता है। जब पृथ्वी सूर्य के निकट होती है, तब दिन और रात की लंबाई पर प्रभाव पड़ता है। गर्मी के मौसम (जून-सितंबर) में सूर्य का प्रकाश अधिक समय तक रहता है, जिससे दिन की लंबाई बढ़ जाती है। सर्दी के मौसम, जैसे दिसंबर से फरवरी में, सूर्य का प्रकाश कम समय तक रहता है, जिससे दिन की लंबाई घट जाती है।
यहां होता है दिन रात के समय में सबसे अधिक बदलाव
ध्रुवीय क्षेत्र में दिन और रात की लंबाई में अत्यधिक परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, आर्कटिक में ग्रीष्मकाल में सूर्य कभी अस्त नहीं होता, जबकि शीतकाल में सूर्य कभी उगता नहीं है। उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में मौसम के अनुसार दिन और रात की लंबाई में अंतर होता है। इस प्रकार पृथ्वी की धुरी का झुकाव, सूर्य की स्थिति, कक्षा की गति और मौसमी परिवर्तन सभी मिलकर दिन और रात की लंबाई में बदलाव करते हैं।