ऐपल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट आईं एकसाथ, बिना पासवर्ड के लॉगिन करना होगा आसान
क्या है खबर?
दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शामिल ऐपल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट अपने यूजर्स को सुरक्षित साइन-इन अनुभव देने के लिए साथ आ गई हैं।
कंपनियों ने बताया है कि आने वाले दिनों में यूजर्स को मोबाइल, लैपटॉप और ब्राउजर प्लेटफॉर्म्स पर बिना पासवर्ड एंटर किए लॉगिन का विकल्प मिलेगा।
पासवर्डलेस ऑथेंटिकेशन का नया स्टैंडर्ड FIDO (फास्ट आइडेंटिटी ऑनलाइन) और वर्ल्ड वाइड वेब कॉन्ट्रियम की ओर से तैयार किया जा रहा है।
फायदा
ऐप्स से लेकर वेबसाइट्स तक पर लॉगिन आसान
नए स्टैंडर्ड की मदद से ऐप्स और वेबसाइट्स सभी पर एक जैसा और सुरक्षित लॉगिन का तरीका यूजर्स को मिलेगा।
ऐसा अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स और डिवाइसेज पर किया जा सकेगा, जिनमें एंड्रॉयड, iOS मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम्स के अलावा क्रोम, एज और सफारी ब्राउजर्स, विंडोज और मैकOS डेस्कटॉप इनवायरमेंट्स भी शामिल होंगे।
यानी कि यह स्टैंडर्ड किसी एक डिवाइस या सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म तक सीमित होने के बजाय सभी के लिए लागू होगा।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
दुनियाभर में 123456 सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला पासवर्ड है, वहीं भारत में सबसे ज्यादा इंटरनेट यूजर्स 'पासवर्ड' (password) शब्द को ही पासवर्ड की तरह इस्तेमाल करते हैं। भारत में इसका इस्तेमाल 17 लाख से ज्यादा यूजर्स अपने अकाउंट्स के लिए कर रहे हैं।
घोषणा
FIDO अलायंस ने दी जानकारी
FIDO अलायंस के मुताबिक, "पासवर्ड-ओनली ऑथेंटिकेशन वेब पर सबसे बड़ी सुरक्षा से जुड़ी परेशानियों में से एक है और ढेर सारे पासवर्ड्स मैनेज करना ग्राहकों के लिए भी मुश्किल हो जाता है, जिसके चलते कई बार वे एक बी पासवर्ड कई सेवाओं के लिए इस्तेमाल करते हैं।"
अलायंस ने बताया कि जल्द यूजर्स को FIDO साइन-इन क्रिडेंशियल्स या 'पासकीज' की मदद से कई डिवाइसेज पर लॉगिन का विकल्प दिया जाएगा।
तरीका
ऐसे काम करेगा पासवर्डलेस ऑथेंटिकेशन
पासवर्डलेस ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया सबसे पहले यूजर्स को ऐप्स, वेबसाइट्स और दूसरी सेवाओं के लिए मेन डिवाइस चुनने के लिए कहेगी।
इस मेन डिवाइस को पासवर्ड, फिंगरप्रिंट स्कैनर या फिर PIN की मदद से अनलॉक करने के बाद यूजर्स उनके दूसरे डिवाइसेज और सेवाओं में बिना पासवर्ड एंटर किए लॉगिन कर पाएंगे।
इस दौरान एक यूनीक क्रिप्टोग्राफिक टोकन या पासकी मेन डिवाइस और बाकी सेवाओं (जिनमें बिना पासवर्ड एंटर किए लॉगिन की सुविधा मिल रही है) के बीच शेयर किया जाएगा।
फायदा
खत्म हो जाएगी पासवर्ड याद रखने की जरूरत
नए विकल्प के साथ यूजर्स को ढेरों पासवर्ड्स याद नहीं रखने होंगे और अकाउंट्स की हैकिंग का खतरा भी कम हो जाएगा।
दरअसल, पासवर्ड्स भूलने के डर से अक्सर यूजर्स एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल कई सेवाओं के लिए करते हैं।
ऐसी स्थिति में एक पासवर्ड लीक होने पर सभी अकाउंट्स हैक हो जाते हैं और साइबर हमलों का खतरा बढ़ जाता है।
पासवर्डलेस ऑथेंटिकेशन का विकल्प इस साल के आखिर तक मिलना शुरू हो सकता है।
अपग्रेड
मौजूदा ऑथेंटिकेशन विकल्पों का अपग्रेड होगा सिस्टम
ऐपल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट तीनों कंपनियों की ओर से पासवर्डलेस ऑथेंटिकेशन का विकल्प यूजर्स को दिया जाता है।
हालांकि, पासवर्डलेस ऑथेंटिकेशन से पहले अब भी यूजर्स को नए डिवाइस में वेबसाइट्स और ऐप्स में एक बार पासवर्ड की मदद से लॉगिन करना होता है।
इसके बाद यूजर्स किसी एक डिवाइस में आने वाले सुरक्षा नोटिफिकेशन को अप्रूव कर लॉगिन कर पाते हैं।
नया स्टैंडर्ड इस फीचर का अपग्रेड होगा और सभी सेवाओं को इंटरलिंक करने का काम करेगा।