एंड्रॉयड यूजर्स को मिलेगी बेहतर प्राइवेसी, 'प्राइवेसी सैंडबॉक्स' से जुड़े बदलाव करेगी गूगल
क्या है खबर?
सर्च इंजन कंपनी गूगल ने बताया है कि एंड्रॉयड यूजर्स को अब बेहतर प्राइवेसी दी जाएगी और पहले के मुकाबले उनका कम डाटा जुटाया जाएगा।
ऐपल की तरह ही अब एंड्रॉयड डिवाइसेज पर यूजर्स को अलग-अलग ऐप्स पर ट्रैक नहीं किया जाएगा।
पिछले साल ऐपल ऐसा ही फीचर लाई थी, जिसके साथ यूजर्स चुन सकते थे कि ऐप उसे बाकी वेबसाइट्स और ऐप्स पर ट्रैक कर सकेंगी या नहीं।
जल्द यूजर्स को इससे जुड़े बदलाव मोबाइल डिवाइसेज में दिखेंगे।
ब्लॉग
कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट में दी जानकारी
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि एंड्रॉयड यूजर्स को बेहतर प्राइवेसी फीचर्स कंपनी के प्रोजेक्ट सैंडबॉक्स के साथ मिलेंगे।
पिछले कई साल से कंपनी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और अब इसका फायदा यूजर्स को दिया जाएगा।
इन बदलावों के चलते थर्ड-पार्टी ऐप्स के साथ कम यूजर्स डाटा शेयर किया जाएगा और एडवर्टाइजर्स के लिए उन्हें अलग-अलग ऐप्स पर ट्रैक करना मुश्किल हो जाएगा।
कंपनी यूजर्स को उनके डाटा पर ज्यादा नियंत्रण देना चाहती है।
समानता
ऐपल के प्राइवेसी फीचर्स जैसे ही बदलाव
ऐपल ने पिछले साल iOS 14.5 अपडेट के साथ कई प्राइवेसी फीचर्स दिए थे और एंड्रॉयड डिवाइसेज में भी वैसी ही बदलाव किए जा सकते हैं।
ऐपल के ATT फ्रेमवर्क के साथ किसी भी ऐप को यूजर को ट्रैक करने से पहले उसकी सहमति लेनी होती है।
यूजर्स से पूछा जाता है कि क्या ऐप उन्हें अन्य वेबसाइट्स और ऐप्स पर ट्रैक कर सकती है।
इस बदलाव को लेकर फेसबुक जैसी कई कंपनियां ऐपल से नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं।
बयान
एडवर्टाइजर्स को परेशानी से बचाएगी गूगल
गूगल का कहना है कि प्राइवेसी सैंडबॉक्स से जुड़े बदलावों के एडवर्टाइजर्स को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
खुद गूगल की कमाई का भी एक बड़ा हिस्सा विज्ञापन दिखाने से होने वाली कमाई के चलते आता है, ऐसे में कंपनी ध्यान रखेगी कि एंड्रॉयड यूजर्स से किया गया प्राइवेसी का वादा अन्य एडवर्टाइजर्स पर भारी ना पड़े।
कंपनी ने साफ किया है कि इसका प्राइवेसी सिस्टम ऐपल iOS में मिलने वाले फीचर्स से अलग होगा।
तरीका
इस तरह ट्रैक किए जाते हैं एंड्रॉयड यूजर्स
प्राइवेसी सैंडबॉक्स अपने आप यूजर्स ट्रैकिंग को सीमित कर देगा।
अभी गूगल हर एंड्रॉयड फोन को एक ID देती है, जो एडवर्टाइजर के लिए पहचान बनती है और वह यूजर के डिवाइस पर की गई एक्टिविटी के हिसाब से उसका प्रोफाइल तैयार कर पाता है।
इस प्रोफाइल के साथ यूजर्स को उसकी पसंद के हिसाब से टारगेटेड ऐड दिखाए जाते हैं।
यही वजह है कि किसी चीज के बारे में सर्च करने के बाद उससे जुड़े विज्ञापन दिखने लगते हैं।
तंज
गूगल ने ऐपल ATT फ्रेमवर्क पर कसा तंज
एंड्रॉयड यूजर्स के लिए बेहतर प्राइवेसी से जुड़ी घोषणा करते हुए गूगल ने ऐपल के ATT फ्रेमवर्क पर तंज भी कसा है।
ब्लॉग पोस्ट में कंपनी ने लिखा, "दूसरे प्लेटफॉर्म ऐड प्राइवेसी के लिए जो बदलाव करते रहे हैं, उनके चलते डिवेलपर्स के लिए मौजूदा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना मुश्किल हो गया है।"
कंपनी ने कहा, "हमने ध्यान रखा है कि यूजर्स को डाटा प्राइवेसी देने के साथ ही डिवेलपर्स और बिजनेसेज के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाए।"
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
ऐपल जहां यूजर्स को सीधे चुनने का विकल्प देती है कि ऐप्स उन्हें ट्रैक करेंगी या नहीं, एंड्रॉयड में नया फीचर बाय-डिफॉल्ट इनेबल होगा। संभव है कि यूजर्स ट्रैकिंग से जुड़ा फैसला सीधे ना ले पाएं लेकिन उनकी ऐप्स ट्रैकिंग पहले से कम हो जाए।