यूरोपा से पहले नासा सौरमंडल के इन चंद्रमाओं का कर चुकी है अध्ययन
नासा ने बीते दिन (14 अक्टूबर) बृहस्पति के बर्फीली चंद्रमा यूरोपा का अध्ययन करने के लिए यूरोपा क्लिपर अंतरिक्ष मिशन को लॉन्च किया है। इस मिशन के तहत नासा यूरोप के संभावित बर्फीले महासागरों का अध्ययन करेगी और वहां के वायुमंडल के बारे में जानकारी इकट्ठा करेगी। यूरोपा क्लिपर अंतरिक्ष यान करीब 5 साल की यात्रा करने के बाद बृहस्पति के करीब पहुंचेगा। आइए जानते हैं नासा यूरोपा से पहले सौरमंडल के किन प्रमुख चंद्रमाओं का अध्ययन कर चुकी है।
बृहस्पति के इन चंद्रमाओं का अध्ययन कर चुकी है नासा
Io: 1979 में वॉयजर, 1996-2003 में गैलीलियो और 2007 में न्यू होराइजन्स मिशनों ने Io के ज्वालामुखियों का अध्ययन किया। यह सौरमंडल का सबसे ज्वालामुखीय रूप से सक्रिय चंद्रमा है, जहां ज्वालामुखीय विस्फोटों की दर अधिक है और इसकी भूगर्भीय गतिविधियां लगातार बदलती रहती हैं। कैलिस्टो: कैलिस्टो की सतह और बर्फीली परतों का अध्ययन भी वॉयजर और गैलीलियो मिशन के दौरान किया गया। यह चंद्रमा सौरमंडल के प्राचीन और कम सक्रिय चंद्रमाओं में से एक है।
बृहस्पति के अन्य चंद्रमा
गैनिमेड: गैनिमेड के विशाल बर्फीले सतह और आंतरिक महासागर का अध्ययन वॉयजर और गैलीलियो मिशन के दौरान किया गया था। यह सौरमंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है, जो जीवन के अनुकूल परिस्थितियों के संकेत दिखाता है। यूरोपा: वॉयजर और गैलीलियो मिशन ने यूरोपा की बर्फीली सतह और संभावित महासागरों का अध्ययन किया। इस चंद्रमा पर जीवन की संभावना की खोज जारी है, इसी के लिए यूरोपा क्लिपर मिशन को लॉन्च किया गया है।
शनि के चंद्रमा
टाइटन: कैसिनी-हायगेंस मिशन (2004-2017) ने टाइटन के मोटे वायुमंडल, मीथेन झीलों और नदियों का अध्ययन किया था। यह पृथ्वी के अलावा एकमात्र ऐसा खगोलीय पिंड है जहां सतह पर तरल मौजूद है। एन्सेलाडस: कैसिनी मिशन ने इस चंद्रमा के बर्फीले फव्वारों और जलवाष्प का पता लगाया था, जो इसके नीचे महासागर का संकेत देते हैं। मिमास: शनि के इस चंद्रमा का अध्ययन भी कैसिनी मिशन के दौरान किया गया, जहां इसके बड़े हर्षल क्रेटर को देखा गया था।
पृथ्वी और नेप्च्यून के चंद्रमा का अध्ययन
पृथ्वी का चंद्रमा: नासा ने अपोलो मिशनों (1969-1972) के माध्यम से चंद्रमा का विस्तृत अध्ययन किया। मानव मिशनों ने चंद्रमा की सतह से नमूने लाए और इसके भूगर्भीय इतिहास को समझने में मदद की। ट्राइटन: वॉयजर 2 मिशन (1989) ने नेप्च्यून के चंद्रमा ट्राइटन की सतह और ज्वालामुखीय गतिविधियों का अध्ययन किया। यह चंद्रमा बेहद अनूठा है, क्योंकि यह नेप्च्यून की परिक्रमा उल्टी दिशा में करता है, जिससे इसकी विशेषता और भी अधिक बढ़ जाती है।