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किसी एक्सोप्लैनेट का नामकरण कैसे किया जाता है? जानिए तरीका
वैज्ञानिकों ने अब तक हजारों एक्सोप्लैनेट खोजे हैं (तस्वीर: नासा)

किसी एक्सोप्लैनेट का नामकरण कैसे किया जाता है? जानिए तरीका

Sep 14, 2024
09:29 am

क्या है खबर?

अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने विभिन्न टेलिस्कोपों का उपयोग करके ब्रह्मांड में मौजूद नए-नए एक्सोप्लैनेट्स की खोज करती रहती है। वैज्ञानिकों ने अब तक हजारों एक्सोप्लैनेट खोजे हैं, जो आकार, संरचना और अपने मेजबान तारों से दूरी में भिन्न हैं। एक्सोप्लैनेट ऐसे ग्रह हैं, जो हमारे सौरमंडल के बाहर के तारों की परिक्रमा करते हैं। सभी सितारों और एक्सोप्लैनेट के नाम हैं और इनका नामकरण विशेष नियम से किया जाता है।

नामकरण

एक्सोप्लैनेट का नामकरण कैसे करते हैं?

नामकरण को समझने के लिए उदाहरण के रूप में HD 189733 b एक्सोप्लैनेट को देखें। एक्सोप्लैनेट के नाम का पहला भाग आमतौर पर दूरबीन या सर्वेक्षण होता है, जिसके मदद से इसे खोज गया है। इस मामले में 'HD' का अर्थ है 'हेनरी ड्रेपर कैटलॉग', जो इस्तेमाल किया जाने वाला स्टार कैटलॉग है। इसमें संख्या 189733 वह क्रम है, जिसमें स्टार को स्थिति के अनुसार सूचीबद्ध किया गया था यानी कैटलॉग में जोड़ा गया 1,89,733वां सितारा।

प्रक्रिया

आगे की प्रक्रिया 

सबसे पहले पाए जाने वाले ग्रह का नाम हमेशा 'b' (छोटे अक्षर में) रखा जाता है, उसके बाद आने वाले ग्रहों का नाम c, d, e, f और इसी तरह रखा जाता है। एक्सोप्लैनेट जिस तारे की परिक्रमा करता है, वह आमतौर पर 'A' (बड़े अक्षर में) होता है, जो तब उपयोगी हो सकता है जब सिस्टम में कई तारे हों, जिन्हें खुद B, C नाम दिया जा सकता है।