नासा के अंतरिक्ष यान से मिली विशेष जानकारी, शनि के चंद्रमा का खुला रहस्य
क्या है खबर?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कैसिनी-ह्यूजेंस अंतरिक्ष यान 7 साल पहले अपने मिशन को करते हुए शनि ग्रह पर गिर गया था, लेकिन यह अभी भी वैज्ञानिकों तक डाटा पहुंचा रहा है।
नासा के इस अंतरिक्ष यान द्वारा एकत्र किए गए रडार डाटा का उपयोग करते हुए कॉर्नेल विश्वविद्यालय के खगोलविदों ने शनि के सबसे बड़े चंद्रमा, टाइटन के तरल महासागर के बारे में ताजा जानकारी एकत्र की है, जो हाइड्रोकार्बन से बना है।
जानकारी
वैज्ञानिकों को मिली यह नई जानकारी
प्राप्त डाटा से टीम टाइटन के समुद्र की संरचना और खुरदरापन का विश्लेषण करने में सक्षम थी। शोधकर्ताओं ने सौम्य ज्वारीय धारा के साथ मीथेन के शांत समुद्र पाएं, जो ऐसी चीज है जिसे टाइटन के समुद्रों की पिछली जांचों में नहीं देखा गया था।
शोधकर्ताओं ने टाइटन के 3 ध्रुवीय समुद्रों के अवलोकन की जांच की, जिसमें क्रैकन मारे, लीजिया मारे और पुंगा मारे शामिल हैं। अध्ययन में सामान्य और हाइड्रोकार्बन वाले समुद्र के लहरों में अंतर पाया गया।
दावा
पुराने दावों की हुई पुष्टि
कॉर्नेल सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स एंड प्लैनेटरी साइंस (CCAPS) के शोधकर्ता वेलेरियो पोगियाली ने एक बयान में कहा, "हमारे पास यह संकेत हैं कि समुद्र में मिलने वाली नदियां शुद्ध मीथेन हैं, जब तक कि वे खुले तरल समुद्रों में नहीं बहती हैं, जो अधिक ईथेन-समृद्ध हैं।"
यह पुराने दावों से मेल खाती है, जिसने भविष्यवाणी की गई थी टाइटन पर गिरने वाली बारिश में ज्यादातर मीथेन होता है, जिसमें थोड़ी मात्रा में इथेन और अन्य हाइड्रोकार्बन होते हैं।