BGMI गेम में कभी भी की है चीटिंग, तो अकाउंट पर परमानेंट बैन लगाएगी क्राफ्टॉन
बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम के भारत में प्लेयर्स तेजी से बढ़े हैं और कंपनी उनका गेमिंग अनुभव प्रभावित करने वाले चीटर्स को रोकने की कोशिश में लगी है। गेम डिवेलपर क्राफ्टॉन ने बताया कि गेमिंग के दौरान चीटिंग टूल्स का इस्तेमाल करने वाले 25 लाख अकाउंट्स पर बैन लगाया है। क्राफ्टॉन ने कहा है कि किसी प्लेयर ने BGMI में चीटिंग टूल का इस्तेमाल किया तो कुछ वक्त बीतने के बाद भी उसके अकाउंट पर परमानेंट बैन लगा दिया जाएगा।
अकाउंट्स पर टेंपोरेरी और परमानेंट बैन
क्राफ्टॉन ने बताया है कि बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI) गेम खेलते वक्त किसी तरह के थर्ड-पार्टी चीटिंग टूल्स इस्तेमाल करने वाले अकाउंट को बैन कर दिया जाएगा। कंपनी अकाउंट्स सस्पेंड करने के अलावा उनपर टेंपोरेरी और परमानेंट बैन भी लगाएगी। इसके अलावा उन प्लेयर्स के अकाउंट्स को भी बैन किया जा सकता है, जो इस तरह के टूल्स और चीटिंग को बढ़ावा देते हैं। यूट्यूब स्ट्रीमिंग कर टूल्स को बढ़ावा देने वाले अकाउंट्स का भी क्राफ्टॉन सर्विलांस कर रही है।
बीते दिनों बैन किए गए इतने अकाउंट्स
क्राफ्टॉन ने बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया की वेबसाइट पर चीटिंग करने वाले अकाउंट्स के क्लीनअप को लेकर लिखा, "आज, हम आपके लिए कुछ अच्छी खबर लेकर आए हैं।" कंपनी ने बताया कि 1 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच 2,519,692 अकाउंट्स पर परमानेंट बैन लगाया गया, वहीं 706,319 अकाउंट्स चीटिंग करने से चलते कुछ वक्त के लिए बैन किए गए। कंपनी ने दावा किया कि गेम में चीटिंग करने वाले ज्यादातर अकाउंट्स के खिलाफ ऐक्शन दिया गया है।
काम कर रहा है BGMI का एंटी-चीट सिस्टम
गेम में चीटिंग करने वालों को रोकने के लिए क्राफ्टॉन खास एंटी-चीट सिस्टम इस्तेमाल कर रही है। यह सिस्टम पहले चीटर्स को पूरी तरह रोकने में कामयाब नहीं रहा था, जिसक बाद इसमें कई सुधार और बदलाव किए गए। कंपनी ने सितंबर में इस सिस्टम में बेहतर चीट डिटेक्शन मैकेनिज्म शामिल किया था और इसका फायदा मिलने का दावा कर रही है। क्राफ्टॉन ने कहा है कि अकाउंट्स कितने भी पॉप्युलर या हाई रैंक वाले हों, जरूरी ऐक्शन लिया जाएगा।
अकाउंट्स पर लगाए जाते रहेंगे बैन
क्राफ्टॉन ने कहा है कि इसका एंटी-चीट सिस्टम आगे भी काम करता रहेगा और कंपनी गलत तरीके से गेमिंग करने वाले यूजर्स की चीटिंग रियल-टाइम में डिटेक्ट कर उनपर कार्रवाई करती रहेगी। कंपनी ने चीटिंग करने वालों पर 'परमाबैन्स' (Permabans) यानी कि परमानेंट बैन्स लगाने की बात कही है। इसके अलावा उन अकाउंट्स को भी मॉनीटर किया जा रहा है, जो चीटिंग टूल्स इस्तेमाल तो नहीं कर रहे लेकिन इन्हें प्रमोट कर रहे हैं।
ये गलतियां कीं तो लग सकता है बैन
आपने गूगल प्ले स्टोर के बजाय किसी थर्ड पार्टी वेबसाइट से गेम डाउनलोड किया है, तो आप पर बैन लग सकता है। इसके अलावा गेम का मॉडिफाइड (Mod) वर्जन इंस्टॉल करना और एक्सट्रा फीचर्स के साथ गेमिंग करना भारी पड़ सकता है। ध्यान रहे, मोबाइल पर गेमिंग के लिए आप किसी थर्ड-पार्टी टूल की मदद ना लें क्योंकि कंपनी इन्हें सपोर्ट नहीं करती। वहीं गेम में किसी यूजर पर शक होने पर आप उसे रिपोर्ट भी कर सकते हैं।