माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से 85 लाख विंडोज डिवाइस हुए क्रैश, बनी सबसे बड़ी साइबर घटना
माइक्रोसॉफ्ट ने बताया है कि क्राउडस्ट्राइक के दोषपूर्ण अपडेट के कारण दुनियाभर में 85 लाख विंडोज डिवाइस क्रैश होने की संभावना जताई है। दिग्गज टेक कंपनी का कहना है कि यह सभी विंडोज मशीनों के एक प्रतिशत से भी कम है, लेकिन विक्रेताओं, बैंकों, एयरलाइंस और उद्योगों के साथ विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स को समस्या झेलनी पड़ी। बता दें, इस ग्लोबल आउटेज के कारण माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम वाले कंप्यूटर की स्क्रीन ब्लू स्क्रीन एरर दिखाने लगी थी।
अब तक की सबसे बड़ी साइबर घटना
माइक्रोसॉफ्ट की ओर से बताई गई प्रभावित विंडोज सिस्टम की संख्या को देखते हुए यह अब तक की सबसे बड़ी साइबर घटना बताई जा रही है, जिसने पिछले सभी हैक और आउटेज को पीछे छोड़ दिया है। इससे पहले 2017 में हुआ वॉनाक्रॉइ सबसे बड़ा साइबर हमला बताया गया था, जिसमें अनुमान के अनुसार 150 देशों में लगभग 3 लाख कंप्यूटर प्रभावित हुए थे। इसके एक महीने बाद नोटपेट्या नाम का एक ऐसा ही साइबर अटैक देखने को मिला था।
इस कारण पैदा हुई थी यह समस्या
टेक दिग्गज ने बताया है कि यह आउटेज साइबर सुरक्षा फर्म क्राउडस्ट्राइक की ओर से साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जारी किए गए एक अपडेट में त्रुटिपूर्ण फाइल के कारण हुआ है। विंडोज सिस्टम पर ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) की समस्या उत्पन्न हुई है। क्राउडस्ट्राइक इस समस्या को हल करने के लिए काम कर रही है। सुरक्षा शोधकर्ता पैट्रिक वार्डले का कहना है, "फाइल 'C-00000291-' ने एक तर्क त्रुटि उत्पन्न की, जिसके कारण OS क्रैश हो गया।"