गाड़ियों को साइबर हमलों से बचाने के लिए क्या कदम उठाने जा रही है सरकार?
देश में लगातार बढ़ रहे साइबर हमलों को देखते हुए सरकार अब वाहनों को भी इन हमलों से सुरक्षित करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने पैसेंजर और कमर्शियल वाहन के लिए समान साइबर सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (CSMS) लाने का प्रस्ताव दिया है, जो गाड़ियों के डाटा को हैकिंग से बचाने में मदद करेगा। आइये जानते हैं कि इस बारे में क्या कुछ जानकारी मिली है।
अलग-अलग वाहनों के हिसाब से तैयार होगा CSMS
बता दें कि वाहनों के लिए साइबर सुरक्षा का अर्थ ऐसी स्थिति है, जिसमें सड़क पर वाहनों और उनके कार्यों को साइबर खतरों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स तक को साइबर अपराध से सुरक्षित रखा जाता है। इसके लिए MoRTH ने 'साइबर सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम के संबंध में वाहनों की मंजूरी' शीर्षक वाले मसौदे में कहा कि वाहन निर्माताओं या उनके मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि को अलग-अलग वाहनों के प्रकार के हिसाब से इस सिस्टम के लिए आवेदन करना होगा।
गाड़ियों में लिए CSMS के लिए AIS तैयार करेगी सरकार
रिपोर्ट के मसौदे में कहा गया, "इसी साल 14 जुलाई को आयोजित ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड कमेटी (AISC) की 66वीं बैठक में वाहनों के लिए CSMS के लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) तैयार करने पर सहमति बनी है।" इसमें कहा गया, "AIS का उद्देश्य M और N श्रेणी के वाहनों में लगे CSMS के लिए समान प्रावधान स्थापित करना है।" CSMS वाहनों को साइबर खतरों से बचाने के लिए प्रक्रियाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित करता है।
गाड़ियों में क्यों पड़ रही CSMS की जरुरत?
आधुनिक वाहनों में साइबर अपराध का खतरा सॉफ्टवेयर कोड की संख्या बढ़ने से बढ़ता है। साइबर हमले न केवल वाहन के सिस्टम में घुसपैठ कर सकते हैं, बल्कि बैकएंड और थर्ड-पार्टी सर्वर तक पहुंच सकते हैं। साइबर हमले की मदद से कार की स्टेयरिंग, ब्रेकिंग और इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ-साथ घरेलू EV चार्जिंग को निशाना बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, जब आप EV को सार्वजनिक चार्जर से जोड़ते हैं तो डाटा चोरी होने का खतरा रहता है।
साइबर हमले से कैसे बचेगी कार?
वाहनों को साइबर अपराध से बचाने के लिए कार निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन का इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम मजबूत हो। साथ ही साइबर सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठा जाएं। कई जानकारों की मानें तो इसके लिए कार कंपनियां को साइबर-थ्रेट मैनेजमेंट लागू करना चाहिए। इसके अलावा इस चुनौती से निपटने के लिए कार कंपनियां, सरकारी संस्थाओं और निजी सॉफ्टवेयर कंपनियों के बीच सहयोग की आवश्यकता है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
अधिक इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स के कारण इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर साइबर हमले का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ी को साइबर हमले से बचाने के लिए आप इसे कम से कम सार्वजनिक चार्जर से चार्ज करें। इसके अलावा इंफोटेनमेंट सिस्टम को अनजान वाईफाई नेटवर्क से जोड़ने से बचें। कई लोग कुछ पैसे बचाने के लिए कंपनी के बजाए लोकल दुकानों से इंफोटेनमेंट सिस्टम लगवाते हैं। ऐसे इंफोटेनमेंट सिस्टम भी आपके फोन से डाटा चुरा सकते हैं।