चुनाव आयोग ने क्यों नहीं की महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की घोषणा? जानिए क्या दिया तर्क
क्या है खबर?
चुनाव आयोग (ECI) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया।
इसके तहत जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में क्रमश: 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को और हरियाणा में एक ही चरण में 1 अक्टूबर को मतदान होगा। दोनों राज्यों के चुनावों के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे।
हालांकि, आयोग ने अभी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान नहीं किया।
ऐसे में आइए जानते हैं आयोग ने ऐसा क्यों किया।
जानकारी
पिछली बार हरियाणा के साथ ही हुए थे महाराष्ट्र के चुनाव
बता दें कि साल 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव भी हरियाणा के साथ ही हुए थे। इस बार भी लोगों को दोनों राज्यों की तारीखों की घोषणा की उम्मीद थी, लेकिन आयोग ने ऐसा न करते हुए लोगों को चौंका दिया।
तर्क
आयोग ने क्या दिया तर्क?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा आवश्यकताओं के कारण महाराष्ट्र चुनावों की घोषणा बाद में की जाएगी। महाराष्ट्र में चल रहे मानसून के कारण मतदाता सूची को अपडेट करने में देरी हुई है, जो चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कदम है।"
उन्होंने आगे कहा, "महाराष्ट्र में वर्तमान में पितृ पक्ष, दिवाली और गणेश चतुर्थी सहित महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम भी चल रहे हैं, जिसके कारण चुनाव स्थगित करना आवश्यक हो गया।"
जानकारी
आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था को भी बताया कारण
चुनाव आयुक्त ने कहा, "पिछली बार जम्मू-कश्मीर एक कारक नहीं था, लेकिन इस साल 5 चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी जगहों पर सुरक्षा बलों की आवश्यकता को देखते हुए ही हमने चरणवार चुनाव कराने का फैसला किया है।"
प्रतिक्रिया
चुनाव में देरी पर उद्धव खेमे ने क्या दी प्रतिक्रिया?
महाराष्ट्र चुनाव में देरी पर शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने एक्स पर लिखा, 'आयोग ने केंद्र सरकार के दुष्प्रचार को विफल कर दिया। भाजपा लंबे समय से जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार होने का दावा कर रही है, लेकिन वहां आतंकवादी हमले बढ़ रहे हैं। चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में आम लोगों की रक्षा करने में केंद्र सरकार की विफलता को दोहराया है। इसी तरह आयोग के बॉस अभी महाराष्ट्र में चुनाव कराने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।'