मानवाधिकार आयोग ने फॉक्सकॉन के खिलाफ दोबारा जांच के दिए आदेश, जानिए क्या है मामला
क्या है खबर?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन में रोजगार भेदभाव के सबूतों की पर्याप्त जांच करने में विफलता के लिए श्रम अधिकारियों को फटकार लगाई है।
इसके साथ ही दस्तावेजों से पता चला है कि आयोग ने अधिकारियों को मामले की फिर से जांच करने के लिए कहा है।
NHRC ने जून में आयोग और तमिलनाडु राज्य के अधिकारियों को फॉक्सकॉन की भर्ती प्रथाओं की जांच करने का आदेश दिया था।
मामला
महिलाओं के साथ होता है यह भेदभाव
रॉयटर्स की जांच में पाया कि फॉक्सकॉन ने अपने तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर प्लांट में विवाहित महिलाओं को आईफोन असेंबली में नौकरियों से बाहर रखा।
इस पर आयाेग ने स्वत: संज्ञान लिया, जिनमें कहा गया है कि कंपनी सांस्कृतिक मुद्दों और सामाजिक दबाव के कारण विवाहित महिलाओं को काम पर नहीं रखती है।
NHRC ने इसे विवाहित महिलाओं के खिलाफ भेदभाव मानते हुए केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव और तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव को जांच के आदेश दिए।
जांच
आयोग ने माना- सही नहीं हुई जांच
श्रम विभाग के अधिकारियों ने जुलाई में फॉक्सकॉन प्लांट का दौरा किया और रोजगार प्रथाओं के बारे में कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ की, लेकिन अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया।
रॉयटर्स ने सूचना के अधिकार कानून के तहत जांच का रिकॉर्ड मांगा और दस्तावेजों से पता चला है कि अधिकारियों ने महिला कर्मचारियों से बातचीत के आधार पर जांच में लीपापोती की है।
बिना नियुक्ति दस्तावेजों को देखे की गई इस जांच को आयोग ने सही नहीं ठहराया है।