ऐसी थी जेटली की शख्सियत, जहां पढ़े उनके बच्चे, वहीं ड्राइवर-कुक के बच्चों को पढ़ाया
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली को जितना सम्मान भाजपा में मिलता था, उतना ही सम्मान उन्हें विपक्षी पार्टियों में भी मिलता था। जेटली की लोकप्रियता समाज के हर एक वर्ग में थी। इसका खास कारण यह था कि जेटली हमेशा सभी को सम्मान और प्यार देते थे। जेटली अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों को भी वैसा ही सम्मान देते थे जैसा वह किसी वरिष्ठ नेता या परिवार के सदस्य को दिया करते थे।
लंबी बिमारी के चलते आज हमारे बीच नहीं रहे जेटली
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली 66 साल की उम्र में आज दुनिया छोड़कर चले गए हैं। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के AIIMS में उन्होंने अंतिम सांस ली। रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
जेटली के ड्राइवर-कुक के बच्चे उसी स्कूल में पढ़े थे जहां जेटली के बच्चे पढ़े थे
बता दें कि जेटली अपने घर पर काम करने वाले कर्मचारियों तक को परिवार का हिस्सा मानते थे, यही कारण है कि उनके साथ जुड़ा हर एक शख्स उनसे काफी प्यार करता था। बिजनेस स्टैंडर्ड में छपे एक इंटरव्यू में जेटली के राजनीतिक सचिव रहे ओम प्रकाश शर्मा ने बताया था कि अरुण जेटली के घर पर काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चे भी उसी स्कूल में पढ़ा करते थे जहां पर खुद जेटली के बच्चों ने पढ़ाई की थी।
अपने कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई और नौकरी तक की व्यवस्था करते थे जेटली
इंटरव्यू में जेटली के सचिव रहे ओम प्रकाश ने बताया था कि अगर किसी कर्मचारी का बच्चा विदेश में पढ़ाई करना चाहता था, तो जेटली उसे विदेश में उसी यूनिवर्सिटी में पढ़ने भेजते थे, जहां उनके खुद के बच्चों ने पढ़ाई की थी। बता दें कि इन सभी कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी जेटली खुद उठाया करते थे। जेटली अपने साथ काम करने वाले लोगों के बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी तक की व्यवस्था करते थे।
जेटली के कुक की बेटी लंदन में, तो सहयोगी के बेटे डॉक्टर और इंजीनियर हैं
आपको जानकार हैरानी होगी कि जेटली के परिवार के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करने वाले जोगेंद्र की दो बेटियों में से एक लंदन में पढ़ रही है। वहीं, संसद में जेटली के साथ हर समय साए की तरह साथ रहने वाले सहयोगी गोपाल भंडारी का एक बेटा डॉक्टर है जबकि दूसरा इंजीनियर है। बता दें कि जिन कर्मचारियों के बच्चे एमबीए या कोई प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते थे, उनके लिए जेटली फीस से लेकर नौकरी तक की व्यवस्था करते थे।
सहायक के बेटे को गिफ्ट में दे दी थी कार
अरुण जेटली प्रतिभावान मगर आर्थिक रूप से कमजोर विधार्थियों से हमेशा प्रभावित होते थे। जब कभी भी वह किसी ऐसे बच्चे को देखते तो उसकी हर मुमकिन मदद करने की कोशिश करते थे। 2005 में उन्होंने अपने सहायक रहे ओपी शर्मा के बेटे चेतन को कानून की पढ़ाई के दौरान अपनी 6666 नंबर की एसेंट कार गिफ्ट में दे दी थी। जेटली के इसी आचरण के कारण ही संपूर्ण भारत वर्ष उन्हें बहुत प्यार करता है।