कश्मीर दौरे पर गए विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेजा गया
अनुच्छेद 370 में बदलाव होने के बाद कश्मीर घाटी प्रतिबंधों के साये में है। राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और सीताराम येचुरी समेत 11 विपक्षी नेता आज कश्मीर की जमीनी स्थिति जानने के लिए श्रीनगर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट से ही वापस दिल्ली भेज दिया गया है। उन्हें एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई। वहां मौजूद मीडिया ने जब नेताओं से बात करनी चाही तो पुलिस ने मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी की।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं ये नेता
विपक्षी नेताओं के इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस की तरफ से राहुल, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, CPM के सीताराम येचुरी, CPI के डी राजा, DMK के तिरुची सिवा, LJD के शरद यादव, TMC के दिनेश त्रिवेदी, NCP के मजीद मेमन, RJD के मनोज झा और JDS के डीके रेड्डी शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पहले शुक्रवार को ही इन नेताओं से अपनी यात्रा टालने की मांग की थी। प्रशासन का कहना था कि इससे लोगों को असुविधा होगी।
आजाद ने सरकार पर साधा निशाना
कश्मीर के लिए रवाना होने से पहले प्रतिनिधिमंडल में शामिल सीताराम येचुरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया था। यह प्रतिनिधिमंडल उनके आमंत्रण पर श्रीनगर जा रहा है। वहीं आजाद ने कहा कि एक तरफ सरकार कह रही है कि कश्मीर में स्थिति सामान्य है और दूसरी तरफ वे किसी को जाने की अनुमति नहीं देते हैं। अगर सब कुछ सामान्य हैं तो नेताओं को नजरबंद क्यों गया है।
एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकल पाया प्रतिनिधिमंडल
विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल लोगों से मिलने के लिए गया था, लेकिन इन नेताओं को पुलिस और प्रशासन ने श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक लिया। इसके चलते राहुल गांधी समेत सभी नेताओं को दिल्ली वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा।
राज्यपाल ने राहुल गांधी को दिया था कश्मीर आने का न्योता
राहुल गांधी ने कश्मीर में हिंसा की खबरों पर चिंता जताई थी। इसके जवाब में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को कश्मीर आकर स्थिति का जायजा लेने का न्योता दिया था। इसके लिए उन्होंने विमान भेजने की भी बात कही थी। राहुल गांधी ने यह न्योता स्वीकार करते हुए कहा था कि वह कश्मीर आने के लिए तैयार है। इसके बाद राज्यपाल ने राहुल गांधी की यात्रा संबंधी मामला पुलिस और प्रशासन के पास भेज दिया था।
केंद्र ने उमर अब्दुला और महबूबा मुफ्ती से साधा संपर्क
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों, उमर अब्दुला और महबूबा मुफ्ती से संपर्क साधा है। इन नेताओं को इस महीने की शुरुआत से ही नजरंबद रखा गया है। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से केंद्र और कश्मीर के नेताओं के बीच यह पहला संपर्क था। केंद्र सरकार के इस कदम को घाटी में राजनीतिक बातचीत के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश माना जा रहा है।