
उत्तर प्रदेश: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह का कांग्रेस से इस्तीफा, थामा भाजपा का दामन
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है।
कांग्रेस के युवा नेताओं की टीम में शामिल और झारखंड कांग्रेस के प्रभारी कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (आरपीएन सिंह) ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
इसके बाद उन्होंने दिल्ली में भाजपा पार्टी मुख्यालय पर आयोजित समारोह में भगवा पार्टी का दामन थाम लिया। वह कई दिनों से भाजपा पदाधिकारियों के संपर्क में थे।
इस्तीफा
सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा इस्तीफा
NDTV के अनुसार, सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा है। उन्होंने इस्तीफे की कॉपी टि्वटर पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने लिखा, 'आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं।' उन्होंने इस्तीफे में लिखा, 'मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। देश, लोग और पार्टी की सेवा करने की मौका देने के लिए आपका धन्यवाद।'
योजना
सिंह के दोपहर में थामा भाजपा का दामन
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सिंह दोपहर में दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय पहुंच गए। वहां उन्होंने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर आदि नेताओं की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
भाजपा की सदस्यता लेने के बाद सिंह ने कहा, "यह मेरे लिए नई शुरुआत है, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान के लिए तत्पर हूं।"
निशाना
सिंह ने साधा कांग्रेस पर निशाना
सिंह ने कहा, "32 सालों तक मैं पूरी ईमानदारी, लगन और मेहनत से एक पार्टी में रहा, लेकिन जिस पार्टी में इतने सालों तक रहा, अब पार्टी वैसी नहीं रही। मैंने भाजपा में आने के लिए बहुत समय तक सोचा। अंत में यही कह सकता हूं कि देर आए, दुरुस्त आए।"
उन्होंने कहा, "मैं उत्तर प्रदेश से आता हूं तो बताना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो योजनाएं राज्य में आई हैं, उस पर मुझे गर्व है।"
प्रतिक्रिया
कई आए और कई चले गए- ठाकुर
सिंह के इस्तीफे को लेकर झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, "यह दुखद है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। कई प्रभारी आए और छोड़ गए। उन्होंने बहुत सोच समझकर फैसला लिया होगा। हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। यहीं रहेंगे और यहीं मरेंगे। हम सोचते हैं कि उनका फैसला गलत है।"
राशिद अल्वी ने कहा, "यह दुखद है। वह बड़े नेता थे। कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़ गए हैं। हमें यह सिलसिला रोकना होगा।"
बयान
कांग्रेस प्रवक्ता ने सिंह को बताया कायर
सिंह के कांग्रेस छोड़ने को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने उन पर तीखा हमला करते हुए उन्हें कायर करार दिया है। उन्होंने कहा, "यह सिद्धांतों की लड़ाई है और कायर लोग इस लड़ाई को नहीं लड़ सकते हैं।"
पृष्ठभूमि
साल 2009 में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं सिंह
बता दें कि सिंह उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पडरौना में राजपूत क्षत्रिय परिवार से हैं। उनके पिता कुंवर सीपीएन सिंह कुशीनगर से सांसद थे और 1980 में इंदिरा गांधी की कैबिनेट में रक्षा राज्यमंत्री थे।
सिंह को पडरौना का राजा साहब भी कहा जाता है। वह पडरौना विधानसभा सीट से 1996, 2002 और 2007 में कांग्रेस के विधायक रहे हैं।
2009 में वह लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने थे और तब उन्हें गृह राज्य मंत्री बनाया गया था।
चुनाव
उत्तर प्रदेश में कब होंगे विधानसभा चुनाव?
चुनाव आयोग की ओर से घोषित किए गए कार्यक्रम के अनुसार उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होंगे।
इसके तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों की मतगणना 10 मार्च को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे।
राज्य में भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा समेत कई प्रमुख दल मैदान में हैं।
पिछला परिणाम
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं। 2017 में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों ने 324 सीटें जीती थीं और राज्य में सरकार बनाई थी।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और 54 सीटें जीती थीं। इनमें से सपा ने 47 और कांग्रेस ने सात सीटें जीती थीं।
वहीं बहुजन समाज पार्टी ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। चुनाव बाद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।