मोदी सरकार के नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने पर छिड़ी सियासत, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
दिल्ली स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर 'प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी' कर दिया गया है। तीन मूर्ति भवन के नाम से भी चर्चित इस इमारत के परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय के उद्घाटन के लगभग एक साल बाद संग्रहालय का नाम बदला गया है। इस फैसले पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था।
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बदला गया नाम
संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि NMML का नाम बदलने का फैसला आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक में किया गया, जो इस सोसाइटी के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने NMML को प्रधानमंत्रियों की एक संस्था बताते हुए और विभिन्न प्रधानमंत्रियों की यात्रा की इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों से तुलना करते हुए इस बात पर जोर दिया कि इंद्रधनुष को सुंदर बनाने के लिए उसके सभी रंगों का उचित अनुपात में प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर लिखा, 'जिनका कोई इतिहास नहीं है, वे दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं। नेहरू स्मारक संग्रहालय का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से आधुनिक भारत के निर्माता पंडित नेहरू की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता।' उन्होंने लिखा, 'इससे केवल भाजपा-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। मोदी सरकार की बौनी सोच 'हिन्द के जवाहर' का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती।'
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी जताई आपत्ति
जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेताओं पर किया पलटवार
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मामले में सरकार के बचाव में आगे आए हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के ट्वीट का जवाब देते हुए इसे एक राजनीतिक अपच का उत्कृष्ट उदाहरण कहा। उन्होंने लिखा, 'एक साधारण तथ्य को स्वीकार करने में असमर्थ हैं कि एक वंश से परे ऐसे नेता हैं, जिन्होंने देश की सेवा और इसका निर्माण किया। प्रधानमंत्री संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है और कांग्रेस के पास यह महसूस करने के लिए दृष्टि नहीं है।'
पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे और भाजपा सांसद ने की निर्णय की तारीफ
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और भाजपा सांसद नीरज शेखर ने भी कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए सरकार के निर्णय की तारीफ की। उन्होंने ट्वीट किया, 'मेरे पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी ने हमेशा राष्ट्रहित के लिए काम किया। उन्होंने कांग्रेस के साथ भी काम किया, लेकिन गांधी परिवार ने एक वंश से परे नहीं देखा। अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के प्रधानमंत्रियों को सम्मानित किया तो कांग्रेस उत्तेजित हो रही है। यह भयानक रवैया है।'
भाजपा ने लगाया कांग्रेस पर अपने ही नेताओं के अपमान का आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने ही उन नेताओं का अपमान करने से नहीं हिचकिचाती है, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगा रही है, जबकि उसके नेताओं ने अभी तक संग्रहालय का दौरा नहीं किया है, यह देखने के लिए कि जवाहरलाल नेहरू और उनके उत्तराधिकारियों के योगदान और उपलब्धियों को तकनीकी के उपयोग से बेहतर तरीके से कैसे प्रदर्शित किया गया है।
नेहरू संग्रहालय का इतिहास
भारत में अंग्रेजों के राज के दौरान 1929-30 में लुटियंस दिल्ली के साथ तीन भूर्ति भवन का निर्माण किया गया था और यह तब कमांडर-इन-चीफ का घर हुआ करता था। आजादी के बाद 1948 से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इसमें रहने लगे और यह उनका आधिकारिक आवास बन गया। उन्होंने 1964 में अपनी अंतिम सांस इसी भवन में ली थी। इसी साल सरकार ने इस भवन को नेहरू को समर्पित करते हुए इसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया।