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बिहार में मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, 10 जुलाई को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट बिहार में मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ याचिकाओं पर 10 जुलाई को सुनवाई करेगा

बिहार में मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, 10 जुलाई को सुनवाई

लेखन गजेंद्र
Jul 07, 2025
11:23 am

क्या है खबर?

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) करा रहा है, जिसको लेकर विरोध है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें पुनरीक्षण प्रक्रिया की वैधता और समय पर चिंता जताते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की गई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 जुलाई को घोषित की है। साथ ही याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग को अग्रिम सूचना देने की भी अनुमति दी है।

तर्क

इन्होंने दी है चुनौती

बिहार में मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के फैसले को चुनौती देते हुए 4 याचिकाएं दायर की गई है। इनमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज झा, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव और लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा शामिल हैं। इनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, गोपाल शंकरनारायणन और शादान फरासत मामला उठा रहे हैं। मामला न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची की आंशिक कार्य दिवस वाली पीठ के समक्ष उठाया गया था।

सर्वेक्षण

क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण?

24 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में SIR की घोषणा की। यह काम 25 जून से 26 जुलाई तक होगा। आयोग ने मतदाताओं से जन्म के साल के आधार पर अलग-अलग दस्तावेज जमा करने को कहा है। ऐसा नहीं किया गया, तो मतदाता का नाम सूची से हटा सकता है। आयोग का कहना है कि 2003 के बाद से मतदाता सूची की समीक्षा नहीं हुई, इसलिए ऐसा किया जा रहा है। बिहार में अक्टूबर-दिसंबर के बीच चुनाव होने हैं।