
महिला ने लाल किले पर जताया अपना अधिकार, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर द्वितीय के परपोते की विधवा बताने वाली एक महिला कि याचिका खारिज कर दी।
दरअसल, याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम ने दिल्ली के ऐतिहासिक 17वीं शताब्दी में बने लालकिले पर दावेदारी की थी और उसे सौंपने की मांग की थी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिका की मांग को गलत बताते हुए, उसे खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई।
कोर्ट
CJI ने क्या कहा?
CJI खन्ना ने सुनवाई के दौरान व्यंग्य करते हुए कहा, "केवल लाल किला ही क्यों? फतेहपुर सीकरी (16वीं शताब्दी के अंत में अकबर के शासनकाल के दौरान मुगल साम्राज्य की राजधानी), ताजमहल (17वीं शताब्दी में शाहजहां द्वारा बनवाया गया) क्यों नहीं?"
उन्होंने हैरानी भरे अंदाज में कहा कि आप इस पर बहस करना चाहते हैं?
पीठ ने यह कहते हुए कि यह विशेष अनुमति याचिका (SLP) पूरी तरह भ्रमित और असंगत है, इसे खारिज कर दिया।
विवाद
क्या है मामला?
सुल्ताना बेगम कोलकाता के पास हावड़ा की रहने वाली हैं।
लाइव लॉ के मुताबिक, उन्होंने दावा किया कि 1857 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने जबरदस्ती उनसे लालकिले का अधिकार ले लिया था।
उन्होंने 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई थी, जो खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने कहा था कि उन्होंने कोर्ट में काफी देरी की है।
इसके बाद दिसंबर 2024 में वह हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में पहुंची, लेकिन वहां भी याचिका खारिज हो गई।