
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा मामले में जजों की समिति ने आंतरिक जांच रिपोर्ट CJI को सौंपी
क्या है खबर?
दिल्ली स्थित सरकारी आवास में बेहिसाब नकदी मिलने के मामले में फंसे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा मामले की जांच कर रही जजों की समिति ने आंतरिक जांच पूरी कर ली है।
3 सदस्यीय जजों ने रविवार 4 मई को अपनी जांच रिपोर्ट भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना को सौंपी है।
रिपोर्ट के विषय में अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। संभावना है कि CJI खन्ना के कार्यकाल समाप्त होने से पहले वह मामले पर कोई निर्णय लेंगे।
समिति
22 मार्च को हुआ था समिति का गठन
सुप्रीम कोर्ट ने विज्ञप्ति जारी कह कहा, "पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश अनु शिवरामन की 3 सदस्यीय कमेटी का गठन न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए किया गया। कमेटी ने 3 मई की अपनी रिपोर्ट 4 मई को CJI को सौंप दी है।"
CJI ने 22 मार्च को समिति का गठन किया था।
घटना
क्या है मामला?
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च आग लग गई थी।
उस समय न्यायमूर्ति वर्मा शहर में नहीं थे। उनके परिवार ने अग्निशमन और पुलिस को बुलाया।
आग बुझाने के बाद टीम को घर से भारी मात्रा में नकदी मिली थी।
इसकी जानकारी CJI संजीव खन्ना को हुई तो उन्होंने कॉलेजियम बैठक बुलाकर न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया।
इसके बाद गहन जांच के आदेश दिए गए।