AAP नेता राघव चड्ढा के निलंबन पर सुप्रीम कोर्ट का राज्यसभा सचिवालय को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता राघव चड्ढा के राज्यसभा से निलंबन मामले में सोमवार को राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया। चड्ढा ने विशेषाधिकार समिति की जांच पूरी होने तक उन्हें उच्च सदन से निलंबित किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। चड्ढा को अगस्त में निलंबित किया गया था। मामला अभी विशेषाधिकार समिति के पास लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को तय की है।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी अटार्नी जनरल से मदद
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान चड्ढा की ओर से दलील दी गई कि उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला नहीं बनता है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल से मदद मांगी और कोर्ट को सहयोग करने को कहा है। CJI ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट को जांचने की जरूरत है कि क्या किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित कर सकते हैं।
चड्ढा को क्यों निलंबित किया गया था?
राज्यसभा के 5 सांसदों का दावा है कि दिल्ली विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने के प्रस्ताव पर उनकी सहमति के बिना उनके जाली हस्ताक्षर किए गए। यह प्रस्ताव चड्ढा ने पेश किया था। आरोप लगाने वाले सांसदों में भाजपा के नरहरि अमीन, सुधांशु द्विवेदी और फांगनोन कोन्याक, BJD के सस्मित पात्रा और AIADMK के थंबीदुरई शामिल हैं। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच की मांग की थी। चड्ढा ने आरोप गलत बताए हैं।