शरद पवार ने मुख्यमंत्री शिंदे, फडणवीस और अजित पवार को लंच पर क्यों बुलाया?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को 2 मार्च को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया है। दरअसल, ये तीनों ही लोकसभा चुनाव से पहले पवार के गृह क्षेत्र बारामती का दौरा करने वाले हैं। यह निमंत्रण ऐसे समय भेजा गया है, जब खबरें हैं कि अजित पवार लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी को बारामती से उम्मीदवार बना सकते हैं।
शरद पवार के निमंत्रण से सहयोगी और विपक्षी दल हैरान
दरअसल, ये तीनों नेता नमो रोजगार मेले के लिए बारामती का दौरा करेंगे और हजारों बेरोजगारों को इस दौरान नौकरियां दी जाएंगी। इस कार्यक्रम के लिए शरद पवार को आमंत्रित नहीं किया गया है, लेकिन उनकी बेटी सुप्रिया सुले और पार्टी के सांसद अमोल कोल्हे को निमंत्रण भेजा गया है। ऐसे में शरद पवार के निमंत्रण से न केवल सत्ता पक्ष के नेता बल्कि सहयोगी दल कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) भी हैरान हैं।
क्या निमंत्रण के पीछे है कोई सियासी चाल?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अजित पवार बारामती सीट से अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। इस सीट से वर्तमान में शरद की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं। 1996 से इस सीट पर पहले शरद पवार का फिर सुले का कब्जा बना हुआ है। अजित की पत्नी सीट को लेकर सुले का खेल बिगाड़ सकती हैं। ऐसे में चर्चा है कि पवार इस निमंत्रण के जरिए सियासी दांव-पेंच खेलने की तैयारी में हैं।
शरद पवार ने निमंत्रण देने के पीछे क्या कारण बताया?
हालांकि, पवार ने इस निमंत्रण के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं किया है। उन्होंने यह जरूर कहा कि वह शिंदे का पारंपरिक स्वागत करना चाहते हैं क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के बाद बारामती में यह उनकी पहली यात्रा है। दूसरी तरफ अभी तक शिंदे, फडणवीस और अजित ने निमंत्रण को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि 2 दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरद पवार को निशाना बनाया था।
शरद पवार कैसे बढ़ा रहे सरकार की मुश्किलें?
महाराष्ट्र विधानसभा में बजट सत्र के शुरू होने से पहले मराठा आरक्षण की मांग तेज कर दी गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण विधेयक भी पारित कर दिया फिर भी मराठा नेता मनोज जारंगे पाटिल की भूख हड़ताल जारी रही। इसको लेकर सियासी गलियारों में खबरें थी किं जरांगे शरद पवार के इशारे पर ही काम कर रहे थे। यही कारण है कि इस निमंत्रण को एक सियासी चाल के रूप में देखा जा रहा है।