
महाराष्ट्र सरकार ने मानी मांग, आरक्षण की मांग को लेकर जारांगे का अनशन खत्म
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा सुलझ सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने आंदोलनकारियों की मांगों को स्वीकार करते हुए एक अध्यादेश जारी करने पर सहमति दी है।
खबर है कि देर रात मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं। इसके बाद जारांगे ने अपना अनशन और आंदोलन वापस ले लिया है।
आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है?
मसौदा
मुख्यमंत्री शिंदे ने अधिकारियों संग तैयार किया मसौदा अध्यादेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार रात को महाराष्ट्र सरकार आंदोलन प्रमुख जरांगे की मांगों के संबंध में एक मसौदा अध्यादेश लेकर आई है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जरांगे की मांगों पर चर्चा करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की और देर रात कार्यकर्ताओं से मुलाकात के लिए एक मसौदा अध्यादेश के साथ प्रतिनिधिमंडल भेजा।
बता दें, जारांगे आरक्षण की मांग को लेकर अपने हजारों समर्थकों के साथ नवी मुंबई में डेरा डाले हुए थे।
ट्विटर पोस्ट
मुख्यमंत्री शिंदे के हाथ से जूस पीकर जारांगे ने तोड़ा अनशन
#WATCH | Maharashtra CM Eknath Shinde and Maratha quota activist Manoj Jarange Patil together garland the statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj in Navi Mumbai
— ANI (@ANI) January 27, 2024
Patil is ending his fast today after the state government accepted the demands. pic.twitter.com/CxI3FPez0Z
जारांगे
जारांगे बोले- मुख्यमंत्री शिंदे ने अध्यादेश जारी कर किया अच्छा काम
सरकार द्वारा आरक्षण की मांग को मसौदा अध्यादेश जारी होने के बाद जरांगे ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे ने अच्छा काम किया है और इसके बाद उनका विरोध अब खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा, "सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं। हमने उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। मैंने मुख्यमंत्री शिंदे के हाथों से जूस पीकर अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया।"
26 जनवरी से जारांगे ने अपने समर्थकों के साथ अनशन शुरू किया था।
मांग
किन मांगों को लेकर जारांगे कर रहे थे आंदोलन?
जारांगे ने राज्य के मराठाओं को कुनबी समाज में तत्काल शामिल कराने मांग कर रहे थे। अध्यादेश के बाद यह समाज अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की श्रेणी में आ जाएगा और उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 54 लाख लोगों के कुनबी होने का प्रमाण मिला है और इन्हें प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
इसके अलाव जिन लोगों के पास रिकॉर्ड नहीं हैं। उन्हें रिश्तदारों के शपथपत्र के आधार पर प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए जाने पर सहमति बनी है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
पाटिल मूल रूप से बीड जिले के रहने वाले हैं और कक्षा 12 में उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। उन्होंने कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर 'शिवबा' संगठन स्थापित किया, जो मराठा समुदाय के लिए काम करता था। जरांगे ने अपने पहले आंदोलन की शुरुआत साल 2011 में अपने गांव से की थी।
वह मराठा आरक्षण के जुड़े कई आंदोलनों का नेतृत्व कर चुके हैं।