सुप्रीम कोर्ट से AAP सांसद संजय सिंह को झटका, गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार
उत्तर प्रदेश सरकार पर जातिवादी होने का आरोप लगाने के मामले में दर्ज हुई FIR पर जारी गिरफ्तारी वारंट से सुरक्षा के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट भी राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया और FIR रद्द करने से संबंधित मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए टाल दी। ऐसे में अब संयज सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
सिंह ने अगस्त 2020 में योगी सरकार पर लगाए थे आरोप
बता दें कि 12 अगस्त, 2020 को सांसद सिंह ने लखनऊ में एक पत्रकार वार्ता के दौरान योगी सरकार पर जाति विशेष की पक्षधर होने का आरोप लगाया था। उसके बाद उनके खिलाफ हजरतगंज थाने में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने 7 सितंबर को सांसद के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। उसके बाद MP-MLA कोर्ट ने 4 दिसंबर को संज्ञान लेकर सिंह को समन जारी किया था। सिंह ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
इलाहबाद हाईकोर्ट ने भी खारिज की मामला रद्द करने की याचिका
मामले में सांसद सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए हजरतगंज थाने में दर्ज की गई FIR को रद्द करने की मांग की थी। इस पर गत 21 जनवरी को सुनवाई करते हुए राकेश श्रीवास्तव ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि निचली अदालत द्वारा चार्जशीट पर संज्ञान लेने में कोई भी त्रुटि नहीं की गई है। संजय सिंह ने इस याचिका में कहा था कि MP-MLA कोर्ट का आदेश विधि अनुकूल नहीं है।
सांसद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की थी दो याचिका
सांसद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की थी। इसमें एक याचिका में उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखनऊ, संत कबीर नगर, खीरी, बागपत, मुजफ़्फरगर, अलीगढ़, बस्ती सहित अन्य थानों में दर्ज FIR को एकसाथ करने और जांच के लिए राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी। इसी तरह दूसरी याचिका में उन्होंने लखनऊ हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए के हजरतगंज थाने में दर्ज की गई FIR को रद्द करने की मांग की थी।
सासंद सिंह ने याचिका में दी थी यह दलील
सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता विवेक तन्खा द्वारा प्रस्तुत की गई याचिका में सांसद सिंह ने कहा था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने केवल कुछ सामाजिक मुद्दों को उठाया था। इसमें एक निश्चित वर्ग के प्रति सरकार की उपेक्षा की बात कही थी। इसके बाद भी उनके खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज कर दिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में राजनीतिक बदले की भावना से उनके खिलाफ मामले दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ नहीं करेंगे आदेश पारित- सुप्रीम कोर्ट
मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और आरएस रेड्डी की पीठ ने कहा कि वह इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ आदेश नहीं दे सकते हैं। इसी तरह अन्य थानों में दर्ज मामलों को रद्द करने संबंधित याचिका पर सुनवाई के लिए अगले सप्ताह की तारीख दी। ऐसे में सांसद सिंह को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली और समन की अवहेलना के मामले में उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।