कर्नाटक: पूर्व मुख्यमंत्री का दावा, अग्निपथ योजना के जरिए सेना पर कब्जा करना चाहता है RSS
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अग्निपथ योजना पर सवाल खड़ा करते हुए इसके पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का एजेंडा होने की आशंका जताई है। उन्होंने सवाल किया कि कहीं यह योजना जर्मनी की नाजी पार्टी की तरह सेना पर कब्जा करने के RSS के एजेंडे के तहत तो नहीं लाई गई है। आइए जानते हैं कि जनता दल सेक्युलर (JDS) के नेता कुमारस्वामी ने केंद्र सरकार पर क्या-क्या आरोप लगाए हैं।
कुमारस्वामी ने पूछा, क्या अग्निवीरों का चयन RSS करेगा?
मीडिया से बात करते हुए कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि अग्निपथ योजना भारतीय सेना को अपने नियंत्रण में लेने के लिए लाया गया RSS का एक छिपा हुआ एजेंडा है। उन्होंने कहा, "देश के युवा अग्निवीर बन कर सेना के अंदर और बाहर RSS के कार्यकर्ता बन जाएंगे। जहां तक कि वह अपनी सेवा समाप्त होने के बाद भी RSS के कार्यकर्ता बने रहेंगे।" उन्होंने सवाल किया कि क्या अग्निवीरों का चयन RSS के नेता करेंगे।
सेना पर कब्जे की योजना बना रहा RSS- कुमारस्वामी
कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि RSS सेना पर कब्जा करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा, "देश में जिन 10 लाख लोगों की सेना में भर्ती होगी, क्या उनमें RSS के कार्यकर्ता भी होंगे? RSS सेना में 2.5 लाख कार्यकर्ताओं को भेज सकता है और चार साल बाद जिन 75 प्रतिशत अग्निवीरों को 11 लाख रुपये देकर विदा किया जाएगा, वो पूरे देश में RSS के कार्यकर्ता के रुप में फैल जाएंगे। यह उसका छिपा हुआ एजेंडा है।"
"देश में नाजी पार्टी जैसे आंदोलन की तैयारी में RSS"
कुमारस्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि RSS देश में नाजी शासन को लागू करना चाहता है, जिसके लिए वो अग्निपथ या अग्निवीर जैसी योजना लेकर आया है। उन्होंने दावा किया कि भारत में भी नाजी आंदोलन लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हिटलर ने नाजी शासन में पूरी सेना पर अपना कब्जा कर लिया था, ठीक उसी तरह भाजपा और RSS भारत में भी वही काम करना चाहते हैं।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।