अग्निपथ विरोधी प्रदर्शन: बिहार में रेलवे की 700 करोड़ रुपये की संपत्ति तबाह, 718 गिरफ्तार
सेना में भर्ती की केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' के खिलाफ देशभर में युवाओं का विरोध-प्रदर्शन जारी है। बिहार में इस योजना का सबसे अधिक विरोध हो रहा है और लाखों युवा सड़कों पर हैं। आंदोलन के दौरान हिंसा भी सबसे अधिक बिहार में हुई है और पिछले चार दिन में यहां कई ट्रेनों को फूंका जा चुका है। रेलवे के एक अनुमान के मुताबिक, युवाओं ने उसकी लगभग 700 करोड़ रुपये की संपत्ति को जलाकर खाक कर दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने जलाईं पांच ट्रेनें, 60 डिब्बे और 11 इंजन
पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विरेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया कि रेलवे की संपत्ति को हुए नुकसान का अनुमान अभी भी लगाया जा रहा है, लेकिन लगभग 700 करोड़ रुपये की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रदर्शन के दौरान पांच ट्रेनें, 60 डिब्बे और 11 इंजन जलाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि संपत्ति को हुए नुकसान पर रेलवे एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
किन चीज पर आता है कितना खर्च?
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, उसे एक जनरल डिब्बे का निर्माण करने में लगभग 80 लाख रुपये लगते हैं, वहीं स्लीपर डिब्बे को बनाने में 1.25 करोड़ और AC डिब्बे को बनाने में 3.5 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इसी तरह एक इंजन को बनाने में रेलवे के 20 करोड़ रुपये लगते हैं, वहीं 12 डिब्बों की एक पूरी यात्री ट्रेन 40 करोड़ और 24 डिब्बे की ट्रेन 70 करोड़ रुपये की पड़ती है।
यात्रियों के टिकट रद्द कराने से भी हुआ रेलवे को नुकसान
प्रदर्शनकारियों की हिंसा के अलावा रेलवे को ट्रेनें रद्द करने से भी बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। उसके अनुसार, प्रदर्शन के कारण 60 करोड़ से अधिक यात्रियों ने अपनी टिकटें रद्द कर दी हैं। इससे रेलवे को कितना आर्थिक नुकसान हुआ है, विभाग अभी तक इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। विभाग के अनुसार, अब तक बिहार के लगभग 15 जिलों में रेलवे की संपत्ति को निशाना बनाया जा चुका है।
शनिवार को 25 FIR दर्ज, कुल 718 आरोपी गिरफ्तार
प्रशासन की कार्रवाई की बात करें तो शनिवार को इस संबंध में 25 से अधिक FIR दर्ज की गईं। इसके अलावा 250 से अधिक आरोपियों को हिरासत में लिया गया। आंदोलन के अब तक के दिनों में कुल 718 लोेगों को हिरासत में लिया जा चुका है। हिंसा और आगजनी करने वालों की CCTV कैमरे और अन्य वीडियो फुटेज की मदद से पहचान की जा रही है और फिर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।