
पी चिदंबरम ने तमिलनाडु के बजट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना, जानिए क्या कहा
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट पंबन पुल का उद्घाटन करने के साथ 8,300 करोड़ रुपये की विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि NDA सरकार ने 2014 से पहले की तुलना में तमिलनाडु के विकास के लिए 7 गुना अधिक धनराशि आवंटित की है।
हालांकि, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इसका खंडन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है।
बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या दिया था बयान?
प्रधानमंत्री मोदी ने रोमश्वरम में आयोजित जनसभा में कहा, "तमिलनाडु का बुनियादी ढांचा केंद्र सरकार की शीर्ष प्राथमिकता रही है। 2014 से पहले रेल परियोजनाओं के लिए हर साल केवल 900 करोड़ रुपये मिलते थे और आप सभी जानते हैं कि उस समय INDIA गठबंधन का नेतृत्व कौन कर रहा था। इस बार तमिलनाडु का रेल बजट 7 गुना बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके बाद भी कुछ लोग बिना किसी बात के रोते रहते हैं।"
निशाना
चिदंबरम ने कैसे साधा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना?
चिदंबरम ने एक्स पर लिखा, 'माननीय प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री लगातार कहते हैं कि उन्होंने 2014-24 के दौरान तमिलनाडु को 2004-14 से अधिक धनराशि दी है। उदाहरण के तौर पर माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने तमिलनाडु में रेलवे परियोजनाओं के लिए पहले की तुलना में 7 गुना अधिक धनराशि दी है। एक बार अर्थशास्त्र के प्रथम वर्ष के छात्र से पूछिए। वह आपको बताएगा कि 'आर्थिक मीट्रिक' हमेशा पिछले वर्षों की तुलना में अधिक ही होगा।"
सवाल
चिदंबरम ने दागा सवाल
चिदंबरम ने आगे लिखा, "सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का आकार अब पहले से बड़ा है। केंद्रीय बजट का आकार हर साल बड़ा होता है। सरकार का कुल खर्च हर साल पिछले साल से बड़ा होता है। आप पिछले साल से एक साल बड़े हो गए हैं। संख्या के संदर्भ में, संख्या बड़ी होगी, लेकिन क्या यह GDP के अनुपात के संदर्भ में अधिक है या कुल व्यय के अनुपात के संदर्भ में? इस पर गौर करना ज्यादा जरूरी है।"
आरोप
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने लगाया था बजट रोकने का आरोप
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र पर अपनी नीतियों का विरोध करने पर राज्य को दंडित करने के लिए धन रोकने का बार-बार आरोप लगाया है।
उन्होंने नई शिक्षा नीति के विरोध के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि रोकने का भी आरोप लगाया।
इसके चलते स्टालिन रविवार को रामेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में भी नहीं पहुंचे और उन्होंने प्रधानमंत्री से संसद में सांसदों के मौजूदा अनुपात को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता दिखाने की मांग की।