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उद्धव का माफी मांगने के दावे को लेकर शिंदे पर हमला, कहा- वह कूड़ेदान में थे
उद्धव ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दावे पर किया पलटवार

उद्धव का माफी मांगने के दावे को लेकर शिंदे पर हमला, कहा- वह कूड़ेदान में थे

Mar 18, 2025
06:54 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा विधान परिषद में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को लेकर किए गए सनसनीखेज दावे ने नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। शिंदे ने दोपहर में कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ने एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगी थी और भाजपा के साथ फिर से जुड़ने की इच्छा जताई थी। हालांकि, ठाकरे ने शिंदे के आरोपों को खारिज कर दिया और अपने पूर्व सहयोगी पर कटाक्ष करते हुए तीखा पलटवार किया है।

दावा

शिंदे ने क्या किया था दावा?

शिंदे ने विधान परिषद में दावा किया कि उद्धव ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और भाजपा के साथ दोबारा जुड़ने की अपील की थी। उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और कहा था कि कृपया मुझे माफ कर दीजिए। हम फिर से आपके साथ हाथ मिलाना चाहते हैं, लेकिन मुंबई लौटने के बाद वह (उद्धव) अपनी बात से मुकर गए।" उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

आरोप

शिंदे ने अनिल परब पर भी लगाया आरोप

शिंदे ने उद्धव के अलावा शिवसेना (UBT) नेता अनिल परब पर भी इसी तरह से भाजपा के साथ बताचीत करने और मामला शांत होने के बाद पलटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "अनिल परब, जब आपको नोटिस मिला तो आप भी भाजपा नेताओं से मिलने पहुंचे गए थे। आपने मामले से बचाने के लिए कहा था। हालांकि, जब आपको नोटिस वाले मामले में राहत मिली तो आपने पाला बदल लिया। मैं यह अच्छी तरह जानता हूं।"

बचाव

शिंदे ने किया अपने रुख का बचाव 

महा विकास अघाड़ी (MVA) से अलग होने और भाजपा के साथ गठबंधन करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए शिंदे ने कहा, "हमारे गुट ने उद्धव के विपरीत पारदर्शी तरीके से काम किया। हमने सब कुछ खुलेआम किया। हम छिपकर नहीं चले। जब शिवसेना, धनुष-बाण का प्रतीक और बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा खतरे में थी, तब हमने अपना रुख अपनाया। जब आपने (उद्धव) औरंगजेब की विचारधारा को अपनाया, तो हमने आपकी गाड़ी पलट दी।"

प्रतिक्रिया

उद्धव ने शिंदे को लेकर क्या दिया बयान?

शिंदे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे ने कहा, "जब हम नरेंद्र मोदी से मिलने गए थे, तब एकनाथ शिंदे उनके कूड़ेदान में थे और हमें इसकी जानकारी भी नहीं थी।" दरअसल, ठाकरे की यह टिप्पणी शिवसेना में शिंदे की अपेक्षाकृत छोटी और कम महत्वपूर्ण भूमिका पर एक स्पष्ट कटाक्ष थी। इसके बाद ही शिदें ने विद्रोह की साजिश रची, जिसके कारण 2022 में महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिर गई थी।

खंडन

उद्धव ने किया शिंदे के आरोपों का खंडन

उद्धव ने शिंदे के आरोपों का खंडन करते हुए इन्हें इतिहास को फिर से लिखने और शिंदे के विद्रोह को उचित ठहराने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा, "अतीत में क्या हुआ, इस बारे में बात करने के बजाय उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र के साथ क्या किया।" उन्होंने शिवसेना की विचारधारा के प्रति शिंदे की निष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने बालासाहेब की विरासत से समझौता किया।

जानकारी

महाराष्ट्र में राजनीतिक तनाव बढ़ा

शिंदे की टिप्पणी ने महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संघर्ष को और हवा दे दी है, जिसमें भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) उद्धव ठाकरे के नेतृत्व और विश्वसनीयता पर नए सिरे से हमला कर रहे हैं। चुनावों के मद्देनजर यह वाकयुद्ध और तेज होने की उम्मीद है।