अडाणी-हिंडनबर्ग मामला: विपक्षी नेताओंं का राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च, पुलिस ने लागू की धारा 144
क्या है खबर?
अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच की मांग को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी संसद से राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च कर रहे हैं।
इसी बीच दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सूचित किया है कि वे आगे मार्च नहीं करें क्योंकि इलाके में धारा 144 लागू है और यहां किसी भी तरह के प्रदर्शन और आंदोलन की अनुमति नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।
बयान
प्रधानमंत्री कुछ छुपाना चाहते हैं- मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मांग को लेकर हम धरना दे रहे हैं। अडाणी सूमह को जनता का पैसा निकालकर ऋण दिया गया, जबकि उनकी संपत्ति की कोई जानकारी नहीं ली गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से कुछ छुपाना चाहते हैं। ललित मोदी, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने सरकार से करोड़ों रुपये लूटे और इस देश से भाग गए और प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोल रहे हैं।"
बयान
खड़गे ने कहा- राहुल गांधी सच बोल रहे हैं
खड़गे ने आगे कहा, "राहुल गांधी सच बोल रहे हैं। उन्होंने संसद में अडाणी से संबंधित मुद्दा रखा। क्या ये गलत है? आज राहुल को बोलने नहीं दिया जा रहा। इसका मतलब क्या है? लोकतंत्र को खत्म करने का काम किया जा रहा है। ऐसे ही चलता रहा तो इस देश में एक दिन तानाशाही आ जाएगी।"
उन्होंने कहा कि अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में विपक्ष JPC जांच चाहता है, लेकिन सरकार सुनना नहीं चाहती है।
ट्विटर पोस्ट
पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
#WATCH | Delhi police detained opposition MPs who were protesting at Vijay Chowk demanding a JPC inquiry into the Adani Group issue. pic.twitter.com/la6GgC4O6g
— ANI (@ANI) March 24, 2023
याचिका
मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हैं कई याचिकाएं
अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में अब तक सुप्रीम कोर्ट में 4 याचिकाएं दायर हुई हैं। वकील एमएल शर्मा और विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और एक्टिविस्ट मुकेश कुमार ने इस मामले पर याचिकाएं दायर कर रखी हैं।
बीते दिनों कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की थी। इस समिति को दो महीने में रिपोर्ट सौंपनी है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) भी मामले की जांच करेगा।
विवाद
अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद क्या है?
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर वित्तीय गड़बड़ियों से जुड़े कई आरोप लगाए थे। फर्म ने कहा था कि अडाणी समूह ने शैल कंपनियों के जरिए गलत तरीके से निवेश करवा रखा है।
इसके साथ ही निवेशकों को धोखा देते हुए शेयरों की कीमत 85 फीसदी तक बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई। जिस शेयर की कीमत 100 रुपये बताई गई, उसका असल मूल्य 15 रुपये है।
रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह को भारी नुकसान हो रहा है।