नीतीश कुमार की पार्टी ने अग्निवीर योजना पर असहमति जताई, कहा- दोबारा विचार की जरूरत
लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच गठबंधन में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने पूर्व की NDA सरकार द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों पर अपनी असहमति जताई है। JDU महासचिव केसी त्यागी ने गुरुवार को आजतक से बात करते हुए सबसे विवादित अग्निवीर योजना पर फिर से विचार करने की जरूरत बताई।
UCC पर क्या बोले त्यागी?
त्यागी ने चैनल से कहा, "अग्निवीर योजना पर नए सिरे से सोचने की आवश्कता है। सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को लेकर जब योजना आई तो बड़े तबके में असंतोष था। मेरा मानना है कि सुरक्षाकर्मियों के परिजनों ने चुनाव में अपना विरोध जताया है। लिहाजा, इस पर नए तरीके से विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है।" समान नागरिक संहिता (UCC) और एक देश एक चुनाव पर भी त्यागी ने पार्टी का रुख साफ किया।
एक देश एक चुनाव पर क्या बोले त्यागी?
UCC पर त्यागी ने कहा, "UCC को लेकर नीतीश जी ने विधि आयोग को पत्र लिखा था और कहा था कि वह इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है। जितने भी स्टेक होल्डर, राज्यों के मुख्यमंत्री और विभिन्न पार्टियों के साथ विचार-विमर्श करके एक राय निकालना चाहिए। हम एक देश एक चुनाव के विरोधी नहीं हैं। हमने पहले भी समर्थन किया था। नीतीश जी ने कई अवसर अपनी सहमति जता चुके हैं।"
INDIA गठबंधन की प्रमुख मांगों में शामिल है अग्निवीर का रद्दीकरण
भाजपा सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में अग्निवीर योजना को अमलीजामा पहनाया था। इसके बाद कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने शुरू से इसका विरोध किया है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के घोषणा पत्र में अग्निवीर योजना को रद्द करने का वादा किया था। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के तेजस्वी यादव भी इसके खिलाफ बयान दे चुके हैं। ऐसे में JDU की मांग पर भाजपा घिरी दिख रही है।
सुनिए, क्या बोले केसी त्यागी
क्या है अग्निवीर?
अग्निपथ योजना थल सेना, भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाता है। इसमें 4 साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलता है। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखे जाने की बात है। युवाओं ने इस योजना का खासा विरोध किया था। लोकसभा चुनाव में यह प्रमुख मुद्दा रहा।