महाराष्ट्र: NCP ने अजित पवार और 8 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की
क्या है खबर?
अजित पवार की बगावत के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) एक्शन में आ गई है। महाराष्ट्र NCP अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इस संबंध में चुनाव आयोग और महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर से शिकायत की है।
उन्होंने अजित के साथ मंत्री बनाए गए 8 बागी विधायकों को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य करार देने की मांग की है। पाटिल ने विधानसभा स्पीकर से अयोग्यता पर जल्द सुनवाई करने की मांग भी की।
पाटिल
पाटिल बोले- कुछ विधायक हमारे संपर्क में
पाटिल ने कहा, "NCP के 9 सदस्यों ने राजभवन जाकर पार्टी नीति के खिलाफ शपथ ली है। ये NCP अध्यक्ष शरद पवार को अंधेरे में रखकर की गई कार्रवाई है। NCP की ओर से मंत्री पद की शपथ लेने वाले 9 नेताओं को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिका भेजी गई है। हमने चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है। केवल 9 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है क्योंकि बाकी विधायक हमारे संपर्क में हैं।"
अजित
अजित पवार ने कल की थी बगावत
अजित ने कल अपने आवास पर NCP विधायकों की आपात बैठक बुलाई थी। इसमें पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष सुले और प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। बाद में अजित अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे, जहां उनके पीछे-पीछे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी आ गए।
थोड़ी ही देर में 8 विधायकों ने मंत्री पद और अजित ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और आधिकारिक तौर पर शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया।
दावे
विधायकों के समर्थन को लेकर अलग-अलग दावे
अजित ने दावा किया है कि उनके पास 40 से अधिक विधायक और 6 से ज्यादा विधान परिषद सदस्यों का समर्थन है। उन्होंने ये भी कहा कि विधायकों का समर्थन पत्र राजभवन को दिया जा चुका है।
दूसरी ओर NCP के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल सभी 53 विधायकों से संपर्क कर रहे हैं और आज तस्वीर साफ हो जाएगी।
कानून
क्या दल-बदल कानून लागू होगा?
NCP के वर्तमान में 54 विधायक हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो दल-बदल कानून से बचने के लिए अजित को कम से कम दो-तिहाई यानी 36 विधायकों का समर्थन जरूरी है। अजित के दावे के मुताबिक अगर 40 विधायक उनके साथ हैं तो वे दल-बदल कानून से बच जाएंगे।
हालांकि, अजित को अगर 36 से कम विधायकों का समर्थन मिला तो उनकी और बागी विधायकों की सदस्यता जा सकती है।