मणिपुर में जारी हिंसा पर कॉनराड संगमा नाराज, बोले- बीरेन सिंह के हटने पर समर्थन करेंगे
मणिपुर में जातीय हिंसा नहीं रुक रही, जिसको लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर सवाल उठ रहे हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी भी नाराज हैं। मणिपुर में भाजपा से समर्थन वापस लेने वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लिया है, भाजपा से नहीं, अगर मणिपुर में नेतृत्व परिवर्तन हुआ तो पार्टी फैसले पर पुनर्विचार करेगी।
आगे क्या बोले संगमा?
संगमा ने आगे कहा, "पिछले एक सप्ताह में स्थिति बहुत बिगड़ गई है। विश्वसनीयता की कमी के कारण, समग्र गतिविधियां और कार्रवाइयां तार्किक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रही हैं। इसलिए हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सरकार की ओर से विश्वास बहाल करने के लिए कुछ अवश्य किया जाना चाहिए। विश्वास निर्माण के कोई प्रयास नहीं किए गए। लोगों की पीड़ा औऱ स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है।"
क्या है विवाद?
मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से हिंसा जारी है। पिछले दिनों जिरीबाम जिले में कुकी और मैतेई उग्रवादियों ने एक-दूसरे जाति के लोगों को निशाना बनाया। इसके बाद जिले में बराक नदी से 6 विस्थापितों के शव मिलने के बाद शनिवार को हिंसा ने उग्र रूप ले लिया। इंफाल समेत कई इलाकों में कर्फ्यू लगा है और 7 जिलों में इंटरनेट बंद है। हिंसा न रुकने से NPP ने रविवार को बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
मणिपुर में भाजपा की क्या है स्थिति?
मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। वर्तमान में वहां भाजपा के नेतृत्व में NDA सरकार है और उसके पार कुल 53 सीटें हैं। इनमें भाजपा की 37, NPP की 7, NPF की 5, ZU की 1 और और 3 निर्दलीय विधायक शामिल है। अब NPP के 7 विधायक के समर्थन वापस लेने से NDA के पास 46 सीटें रह जाएंगी। हालांकि, इससे NDA सरकार के अस्तित्व पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।