मणिपुर: अमित शाह के दौरे से पहले फिर भड़की हिंसा, पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत
क्या है खबर?
मणिपुर में रविवार को फिर से हिंसा भड़कने के बाद पुलिसकर्मी सहित कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य लोग घायल हो गए।
आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर का दौरा करेंगे। इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री ने अपने एक बयान में कहा था कि सुरक्षा बलों ने 40 उग्रवादियों को मार गिराया है।
बता दें कि मणिपुर में जातीय हिंसा में अब तक कम से कम 80 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
रिपोर्ट
इंफाल घाटी के आसपास के इलाकों में हुआ था हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विद्रोही संगठनों ने रविवार को तड़के 2 बजे इंफाल घाटी और उसके आसपास के 5 इलाकों में एक साथ हमला किया था। इन क्षेत्रों में सेकमाई, सुगनू, कुम्बी, फायेंग और सेरौ शामिल हैं।
इसके बाद सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर उग्रवादियों को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ में 40 उग्रवादी मारे गए, जबकि कई और इलाकों में गोलीबारी और सड़कों पर लावारिस लाशें पड़े होने की खबरें आ रही हैं।
बयान
M-16 और AK-47 राइफल लेकर आए थे उग्रवादी- मुख्यमंत्री
रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, "सुरक्षा बलों और पुलिसकर्मियों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए जारी अभियान में लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है, जबकि कई हथियारबंद आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। ये विद्रोही आम नागरिकों के खिलाफ M-16 और AK-47 असॉल्ट राइफलों और स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर रहे हैं।"
उन्होंने पिछले 2 दिनों में इंफाल घाटी के बाहरी इलाकों में आगजनी और हिंसक घटनाओं की निंदा की।
दौरा
अमित शाह के दौरे के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने की शांति की अपील
आज गृह मंत्री शाह मणिपुर का दौरा करने वाले हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। गृह मंत्री के मणिपुर दौरे के मद्देनजर शनिवार को भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे मणिपुर का दौरा करने के लिए पहुंचे थे।
इस दौरान सेना प्रमुख को पूर्वी कमान के अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू उपायों की जानकारी दी।
हिंसा
मणिपुर में कब से हो रही है हिंसा?
इस महीने की शुरुआत से ही मणिपुर में हिंसा जारी है। तब आदिवासियों ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिये जाने के विरोध में 3 मई को एकजुटता मार्च निकाला था।
इसके बाद एक हफ्ते से ज्यादा समय तक राज्य में हिंसक झड़पें होती रहीं, जिनमें 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
राज्य भर में लगभग 2,000 घरों को भी जला दिया गया और हजारों लोगों को यहां विस्थापित होना पड़ा है।
क्यों
क्यों हो रही है हिंसा?
अभी राज्य की आबादी का 64 प्रतिशत हिस्सा मैतई समुदाय का है। आदिवासियों को डर है कि अगर मैतेई समुदाय को ST वर्ग का दर्जा मिला तो वह आदिवासियों के लिए आरक्षित 10 प्रतिशत वन्य क्षेत्र के अलावा उनकी अन्य जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर लेगा।
इससे पहले भी कुकी आदिवासी समुदाय को आरक्षित वन भूमि से बेदखल करने को लेकर हिंसक झड़पें हुई हैं, जिसके कारण राज्य में छोटे-बड़े आंदोलन होते रहे हैं।