मनमोहन सिंह का राज्यसभा कार्यकाल समाप्त, सालों बाद संसद में नहीं है कोई पूर्व प्रधानमंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्यकाल बीते शुक्रवार को समाप्त हो गया। संसद का सत्र चालू नहीं होने के कारण उन्हें विदाई भाषण देने का मौका भी नहीं मिला। मनमोहन सिंह के संसद से जाने के बाद कई साल बाद यह पहली बार है जब कोई पूर्व प्रधानमंत्री संसद का सदस्य नहीं होगा। दूसरे पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा अपने लोकसभा क्षेत्र टुमकुर से चुनाव हार गए थे। इसलिए वो भी संसद नहीं पहुंच सके।
1991 से राज्यसभा के सदस्य थे मनमोहन सिंह
जाने-माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह 1991 में पहली बार राज्यसभा सदस्य बनाए गए थे। मनमोहन सिंह 15 जून 2013 को असम से पांचवी बार राज्यसभा सांसद बने थे। अब 28 साल बाद यह पहली बार होगा जब वो राज्यसभा से सांसद नहीं होंगे। इस बार असम में कांग्रेस के पास पर्याप्त विधायक नहीं होने की वजह से मनमोहन सिंह को दोबारा राज्यसभा आने के लिए इंतजार करना होगा। उन्हें अब किसी दूसरे राज्य से राज्यसभा भेजा जा सकता है।
NDA के खाते में गई मनमोहन सिंह की सीट
असम में खाली हुई दो राज्यसभा सीटों पर इसी साल मई में चुनाव हुए थे। इन दो सीटों में मनमोहन सिंह की भी सीट शामिल है। इन दो राज्यसभा सीटों में एक पर भाजपा के कामाख्या प्रसाद तासा और दूसरी सीट पर असम गण परिषद (AGP) के बिरेंदर प्रसाद ने निर्विरोध जीत हासिल की है। बता दें, असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 26, AIDUF के 13 और भाजपा के 60 विधायक हैं।
बजट सत्र में नहीं होगा कोई पूर्व प्रधानमंत्री
पिछले काफी समय से पूर्व प्रधानमंत्री संसद सदस्य रहे हैं। साल 1996 में जब कांग्रेस चुनाव हारी थी, तब पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव लोकसभा सदस्य थे। इसके बाद इंद्र कुमार गुजराल राज्यसभा सदस्य रहे। 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी लोकसभा सदस्य थे। 2014 तक देवेगौड़ा संसद सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 2014 के बाद से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राज्यसभा सदस्य के रूप में संसद के सदस्य थे।
मनमोहन सिंह को राज्यसभा भेजने के लिए ये है कांग्रेस की योजना
कांग्रेस मनमोहन सिंह को दोबारा राज्यसभा भेजना चाहती है, लेकिन इसके लिए उन्हें इंतजार करना होगा। अगले साल हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, झारखंड, राजस्थान और हिमाचल से राज्यसभा की करीब 55 सीटें खाली होने वाली हैं। इनमें से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। यहां से अगर मनमोहन सिंह को राज्यसभा भेजा जाता है तो उनके चुनाव में कोई परेशानी नहीं आएगी। माना जा रहा है कि उससे पहले तमिलनाडु से DMK भी मनमोहन सिंह को राज्यसभा सीट दे सकती है।