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सरकारी बंगला खाली करने के नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट जा सकती हैं महुआ मोइत्रा- रिपोर्ट
बंगला खाली करने से जुड़े नोटिस के खिलाफ महुआ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख कर सकती हैं

सरकारी बंगला खाली करने के नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट जा सकती हैं महुआ मोइत्रा- रिपोर्ट

लेखन आबिद खान
Jan 17, 2024
01:27 pm

क्या है खबर?

पूर्व लोकसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा को दिल्ली में बतौर सांसद मिला सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला है। खबर है कि महुआ इस नोटिस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती हैं। NDTV ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि महुआ निष्कासन नोटिस के खिलाफ न्यायमूर्ति मनमोहन की कोर्ट में याचिका दायर कर सकती हैं।

तर्क

क्यों बंगला खाली नहीं करना चाहतीं महुआ?

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, महुआ के वकीलों का कहना है कि वे (महुआ) लोकसभा चुनाव की उम्मीदवार हैं। वकीलों का दावा है कि सांसदों को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले होने वाले संसद सत्र के आखिरी दिन से लेकर नतीजों के दिन तक सरकारी घरों में रहने की अनुमति होती है। चूंकि महुआ को उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है, इसलिए यह नियम उन पर भी लागू होता है और उन्हें बंगला खाली करने की जरूरत नहीं।

नोटिस

नोटिस में 'बलपूर्वक' बंगाल खाली कराने की बात

आज जो नोटिस संपदा निदेशालय ने महुआ को जारी किया है, उसमें कहा गया है कि अगर बंगला तुरंत खाली न किया गया तो पूर्व सांसद को बेदखल किया जाएगा और जबरन बाहर निकाला जाएगा। नोटिस में कहा गया है कि मोइत्रा को पर्याप्त अवसर दिया गया, लेकिन वह यह साबित करने में विफल रहीं कि वह अनधिकृत कब्जाधारी नहीं हैं। बता दें कि पहले भी महुआ को बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था।

कोर्ट

पहले भी हाई कोर्ट गई थीं महुआ

बंगला खाली करने के नोटिस को लेकर पहली भी महुआ ने हाई कोर्ट का रुख किया था। तब कोर्ट ने संपदा निदेशालय से विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए अनुरोध करते हुए कहा था कि महुआ को फिलहाल बंगले में रहने दिया जाए। हालांकि, कोर्ट ने मामले की योग्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की और महुआ को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी थी। इसके बाद महुआ ने याचिका वापस ले ली थी।

विवाद

क्या है बंगले को लेकर विवाद?

दरअसल, जब महुआ सांसद थीं तो उन्हें दिल्ली के टेलीग्राफ लेन में एक सरकारी बंगला मिला था। हालांकि, पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों में संसद सदस्यता जाने के बाद 7 जनवरी को महुआ के बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया था और नोटिस जारी कर उनसे बंगला खाली करने को कहा गया था। महुआ ने अनुरोध किया था कि उन्हें लोकसभा चुनाव तक का समय दिया जाए क्योंकि इससे उनका चुनावी अभियान प्रभावित होगा।

मामला

महुआ की संसद सदस्यता क्यों गई?

महुआ पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में अडाणी समूह से जुड़े सवाल पूछने का आरोप हैं। इस संबंध में महुआ ने हीरानंदानी को अपना लोकसभा का आईडी-पासवर्ड देने की बात स्वीकारी थी, लेकिन रिश्वत के आरोपों को खारिज किया था। मामले में आचार समिति ने जांच की, जिसने अपनी रिपोर्ट में आरोपों को सही पाते हुए महुआ को निष्कासित करने की सिफारिश की थी। इसी आधार पर 8 दिसंबर को महुआ को लोकसभा से निष्कासित किया गया