मानहानि मामला: हाई कोर्ट की फटकार के बाद महुआ मोइत्रा के वकील ने नाम वापस लिया
दिल्ली हाई कोर्ट में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से दायर मानहानि याचिका पर शुक्रवार को होने वाली सुनवाई टल गई। अब यह 31 अक्टूबर को होगी। NDTV के मुताबिक, महुआ के वकील गोपाल शंकरनारायण ने हितों के टकराव का हवाला देते हुए मामले से अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद सुनवाई को स्थगित किया गया। सुनवाई के दौरान वकील जय अनंत देहाद्राई ने कहा कि शंकरनारायण ने उनको फोन कर दबाव बनाया था।
कोर्ट में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट के वकील देहाद्राई ने हितों के टकराव को कोर्ट में उठाया। इस दौरान न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि वह स्तब्ध हैं कि शंकरनारायण ने मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की और क्या अभी भी वह मामले में पेश होने योग्य हैं। उन्होंने कहा, "इसका जवाब आपको देना होगा, यह आपका फैसला है।" इसके बाद शंकरनारायण ने खुद को मामले से अलग कर लिया। मामले से पीछे हटते हुए शंकरनारायण ने देहाद्राई से मिलने की बात स्वीकारी।
शंकरनारायण ने कोर्ट में क्या कहा?
कोर्ट में शंकरनारायण ने कहा, "मैंने उनसे पूछा कि क्या समझौता तलाशने का कोई तरीका है, बस इतनी ही बातचीत हुई थी। जय ने कहा था कि वो इस पर मुझसे बात करेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मुझे अब इस मामले से कोई मतलब नहीं है और मैं इससे हट गया हूं।" बता दें कि मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, देहाद्राई और कई मीडिया संगठनों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि याचिका दायर कर हर्जाना मांगा है।
मोइत्रा ने क्यों किया मानहानि केस?
निशिकांत दुबे ने देहाद्राई के पत्र के आधार पर मोइत्रा पर रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने का गंभीर आरोप लगाया है, जिसे मीडिया संगठनों ने खबर के तौर पर छापा है। मोइत्रा ने इसको लेकर हाई कोर्ट में मानहानि याचिका दायर की है और आपत्तिजनक खबरों को पोस्ट करने से रोकने की मांग की है। साथ ही हर्जाना भी मांगा है। सवाल पूछने का मामला लोकसभा की आचार समिति के पास है, जिस पर 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी।