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क्या 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी को चुनौती देंगे नीतीश कुमार?
2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के बीच मुकाबला हो सकता है

क्या 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी को चुनौती देंगे नीतीश कुमार?

Aug 10, 2022
03:40 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र में भाजपा के शिवसेना को तोड़ने और महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार को गिराने के बाद जो विपक्ष निराशा के चरम पर था, वहीं विपक्ष बिहार में नीतीश कुमार के भाजपा से गठबंधन तोड़ने और महागठबंधन के साथ सरकार बनाने से उत्साह में है। इस अदला-बदली ने नीतीश के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की अटकलों को भी एक बार फिर से जन्म दे दिया है। आइए इन अटकलों से संबंधित संभावनाओं को टटोलते हैं।

महत्वाकांक्षा

बहुत पुरानी है नीतीश की प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा

माना जाता है कि नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा बहुत पुरानी है और देश के सबसे शक्तिशाली पद पर बैठना उनका सपना सरीका रहा है। राजनीतिक गलियारों में उन्हें 'PM मैटेरियल' भी कहा जाता है और इसके लिए उनके तमाम गुण गिनाए जाते हैं। नीतीश की छवि एक साफ और भ्रष्टाचार विरोधी नेता की है और उन पर अभी तक भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है। अच्छा प्रशासक होने के कारण उन्हें 'सुशासन बाबू' भी कहा जाता है।

संजीवनी

विपक्ष में वापसी के बाद नीतीश की महत्वाकांक्षा को मिली संजीवनी

पिछले पांच साल भाजपा के साथ गठबंधन में रहे नीतीश की विपक्ष में वापसी के बाद प्रधानमंत्री पद से संबंधित उनकी महत्वाकांक्षाओं को फिर से संजीवनी मिली है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की तरफ से केवल नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री का चेहरा हो सकते हैं, लेकिन विपक्ष को एक ऐसे चेहरे की जरूरत है जो मोदी को टक्कर दे सके। नीतीश वो चेहरा हो सकते हैं और उनका इतिहास इसकी एक बानगी देता है।

अटकलें

क्यों लगाई जा रही नीतीश के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने की अटकलें?

नीतीश में वे सभी गुण हैं जो 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी और भाजपा को मात देने के लिए विपक्ष को चाहिए। ममता बनर्जी, शरद पवार और राहुल गांधी जैसे अन्य संभावित उम्मीदवारों के बीच जो चीजें नीतीश को सबसे प्रबल दावेदार बनाती हैं, वो ये कि वे हिंदी बहुत अच्छी बोलते हैं और हिंदी भाषी राज्यों में उन्हें सब जानते हैं। उत्तर भारत में भाजपा की काट के लिए ये चीजें न्यूनतम हैं जो एक नेता में होनी चाहिए।

असहज रिश्ते

नीतीश का मोदी से रहा है छत्तीस का आंकड़ा

आप शायद इस बात से हैरान हों, लेकिन नीतीश का मोदी से छत्तीस का आंकड़ा रहा है और ये बात उनके विपक्ष का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने में मदद कर सकती है। 2002 गुजरात दंगों के बाद नीतीश ने मोदी पर "सांप्रदायिक राजनीति" करने का आरोप लगाया था और सालों तक उन्हें बिहार में कोई रैली नहीं करने दी और न उनके साथ मंच साझा किया। 2013 में मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने पर उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था।

बयान

विभिन्न नेताओं के बयानों से अटकलों को मिली हवा

नीतीश को संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर पेश करने को लेकर प्रयास भी शुरू हो गए। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता शरद यादव ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में नीतीश प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। JDU नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस तरफ इशारा किया है। कल ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि देश नीतीश का इंतजार कर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी जनता दल परिवार को इकट्ठा करने की तरफ संकेत किया है।

जनता दल

क्या फिर से एक होगा जनता दल परिवार?

1977 में इंदिरा गांधी को मात देने वाली जनता पार्टी से बना जनता दल एक तरह से गैर-कांग्रेसी और गैर-भाजपाई फ्रंट था, जिससे तीन प्रधानमंत्री रहे। JDU और RJD समेत तमाम पार्टियां जनता दल से ही निकली हैं और अगर ये सारी पार्टियां एक बार फिर से एक साथ आती हैं तो ये देश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। नीतीश इस गठबंधन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनकर मोदी को चुनौती दे सकते हैं।

बयान

नीतीश ने भी मोदी को दी चुनौती

इन अटकलों के बीच नीतीश ने मोदी को चुनौती भी दे डाली है। आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा कि क्या 2014 में चुनाव जीतने वाला इंसान (मोदी) 2024 में चुनाव जीतेगा। हालांकि उन्होंने खुद के उम्मीदवार होने से इनकार किया।